Updated on: 07 December, 2024 11:43 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
सनातन धर्म में रविवार को सूर्य भगवान की पूजा का विशेष महत्व है. सूर्य देव को ऊर्जा, प्रकाश और जीवन का स्रोत माना जाता है.
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सनातन धर्म में हर दिन का संबंध एक विशेष देवता से होता है. रविवार को सूर्य भगवान की पूजा का विशेष महत्व है. सूर्य देव को जीवन का स्रोत माना जाता है, क्योंकि वे प्रकाश, ऊर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करते हैं. उनकी पूजा न केवल आध्यात्मिक शांति देती है, बल्कि जीवन में सफलता और सकारात्मकता भी लाती है. आइए जानें रविवार को सूर्य भगवान की पूजा के महत्व और विधि के बारे में.
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रविवार को सूर्य पूजा का महत्व
सूर्य देव को सृष्टि का आधार माना गया है. वे नौ ग्रहों के राजा और ऊर्जा के प्रतीक हैं. उनकी पूजा से न केवल स्वास्थ्य अच्छा रहता है, बल्कि करियर, शिक्षा और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है. ऐसा माना जाता है कि सूर्य देव की कृपा से मनुष्य को लंबी आयु, शारीरिक बल और आत्मविश्वास प्राप्त होता है. उनकी पूजा शनि दोष और राहु-केतु के प्रभाव को भी कम करती है.
सूर्य पूजा की विधि
>> प्रातः स्नान: रविवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें.
>> सूर्य को अर्घ्य देना: तांबे के लोटे में स्वच्छ जल, चावल के दाने, लाल फूल और गुड़ मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें. अर्घ्य देते समय “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें.
>> दीप जलाना: सूर्य देव की तस्वीर या प्रतिमा के सामने दीप जलाएं और लाल चंदन या कुमकुम से तिलक करें.
>> लाल वस्त्र और फूल अर्पित करें: सूर्य देव को लाल वस्त्र और लाल फूल चढ़ाएं.
>> गायत्री मंत्र और आदित्य हृदय स्तोत्र: पूजा के दौरान गायत्री मंत्र या आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. यह विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
सूर्य देव को अर्पित प्रसाद
सूर्य भगवान को गुड़, गेंहू या लाल रंग के फल जैसे अनार या सेब का प्रसाद अर्पित करें. इससे उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.
सूर्य पूजा के लाभ
>> शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार
>> मानसिक तनाव में कमी
>> करियर और आर्थिक स्थिति में वृद्धि.
>> सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार.
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