होम > मुंबई > मुंबई क्राइम न्यूज़ > आर्टिकल > मुंबई पुलिस ने राजस्थान से 1.8 करोड़ रुपये मूल्य के चोरी किए गए छह ट्रक बरामद किए, दो गिरफ्तार

मुंबई पुलिस ने राजस्थान से 1.8 करोड़ रुपये मूल्य के चोरी किए गए छह ट्रक बरामद किए, दो गिरफ्तार

Updated on: 28 June, 2025 01:33 PM IST | Mumbai
Samiullah Khan | samiullah.khan@mid-day.com

मुंबई में वनराई पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए छह चोरी किए गए ट्रक बरामद किए हैं, जिनकी कुल कीमत 1.8 करोड़ रुपये है.

Pic/Samiullah Khan

Pic/Samiullah Khan

मुंबई में वनराई पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए भारी वाहनों की चोरी और पुनर्विक्रय में शामिल एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है और राजस्थान के विभिन्न जिलों से 1.8 करोड़ रुपये मूल्य के छह चोरी किए गए ट्रक बरामद किए हैं.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह मामला 8 जून को प्रकाश में आया, जब मुंबई के गोरेगांव (पूर्व) इलाके में एक सीमेंट गोदाम से रात करीब 1 बजे 10 पहियों वाला टाटा ट्रक चोरी हो गया. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत वनराई पुलिस स्टेशन में तुरंत मामला दर्ज किया गया.


तकनीकी खुफिया जानकारी और गुजरात के सूरत ग्रामीण में झंखवाव पुलिस की सहायता से मुंबई की पुलिस ने इंदौर के मैकेनिक नगर निवासी 44 वर्षीय नरसिंह रामस्वरूप सिंह को चोरी किए गए ट्रक के साथ गिरफ्तार किया.


उनसे पूछताछ के बाद महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर से गिरोह के कथित मास्टरमाइंड 54 वर्षीय जावेद अब्दुल्ला शेख को गिरफ्तार किया गया. आगे की जांच के दौरान पता चला कि शेख के खिलाफ महाराष्ट्र के अहमदनगर, नासिक, धुले, औरंगाबाद और नवी मुंबई शहरों में धोखाधड़ी, जालसाजी और वाहन चोरी सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. कार्यप्रणाली जांचकर्ताओं के अनुसार, आरोपी चोरी किए गए ट्रकों को गुजरात ले जाते थे, जहां वे मूल इंजन और चेसिस नंबर हटाकर उन्हें छोटे परिवहन वाहनों के नंबर से बदल देते थे. स्थानीय गैराज मालिक ने कथित तौर पर छेड़छाड़ के लिए प्रति ट्रक 50,000 रुपये लिए. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहचान संख्या में बदलाव करने के बाद, आरोपी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) से जाली पंजीकरण दस्तावेज तैयार करते थे और ट्रकों को कम कीमत पर बेखबर खरीदारों को बेच देते थे. अधिकारी ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि गिरोह एक कदम आगे बढ़कर नकली दस्तावेजों का उपयोग करके खरीदारों के लिए बैंक ऋण की व्यवस्था करता था, जिससे लेनदेन पूरी तरह से वैध दिखाई देता था. पुलिस कार्रवाई

पुलिस उपायुक्त (जोन 12) महेश चिमटे और इंस्पेक्टर सुभाषचंद्र पोस्चर के मार्गदर्शन में, सब-इंस्पेक्टर रंजीत वनवे और अभिजीत भिसे के नेतृत्व में एक विशेष टीम को उनकी डिटेक्शन टीम के साथ राजस्थान भेजा गया. वनराई पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ इंस्पेक्टर गिरीश बाने ने बताया कि टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए बांसवाड़ा, डूंगरपुर और सलूंबर जिलों से चोरी किए गए छह भारी वाहनों का सफलतापूर्वक पता लगाया और उन्हें बरामद किया.


बाने ने कहा, "अधिक वाहनों का पता लगाने और इस सुसंगठित रैकेट में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान करने के लिए जांच जारी है."

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK