Updated on: 24 August, 2025 12:16 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अधिकारी ने बताया कि हाल ही में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से पाँच ने कथित तौर पर अपने बैंक खाते और सिम कार्ड बेचे थे, जिनका इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी के लिए किया गया था.
प्रतीकात्मक चित्र. फ़ाइल चित्र
शहर में बढ़ते साइबर धोखाधड़ी के मामलों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए, मुंबई पुलिस ने एक साइबर धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ किया है और 12 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक दंपति भी शामिल है, जिन्होंने कथित तौर पर देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों से 60.82 करोड़ रुपये की ठगी की थी, एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने बताया कि हाल ही में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से पाँच ने कथित तौर पर अपने बैंक खाते और सिम कार्ड बेचे थे, जिनका इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी के लिए किया गया था.
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रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस उपायुक्त (जांच) राज तिलक रोशन ने घटना के बारे में बात करते हुए कहा, "ये गिरफ्तारियाँ 12 अगस्त को पश्चिमी उपनगर कांदिवली में एक कार्यालय पर मुंबई अपराध शाखा के छापे के बाद की गईं, जिसमें अधिकारियों ने सिम कार्ड और बैंक पासबुक ज़ब्त किए." उन्होंने आगे कहा, "गिरोह ने 943 बैंक खाते खरीदे थे, जिनमें से 180 का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया गया था," और कहा कि आरोपी पिछले साल से इस तरीके का इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस उपायुक्त ने आगे बताया, "अभियान के बाद, 12 अगस्त को पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और बाकी को जाँच के दौरान गिरफ्तार किया गया." अधिकारी ने घटना पर प्रकाश डालते हुए यह भी बताया कि गिरोह ने 7,000-8,000 रुपये में सिम कार्ड और बैंक खाते खरीदे और उनका इस्तेमाल डिजिटल अरेस्ट स्कैम, ऑनलाइन शॉपिंग और शेयर ट्रेडिंग धोखाधड़ी के लिए किया. मुंबई पुलिस के अधिकारी ने दावा किया, "बैंक खातों और सिम कार्ड का इस्तेमाल देश भर के लोगों से 60.82 करोड़ रुपये की ठगी करने के लिए किया गया, जिसमें मुंबई में 1.67 करोड़ रुपये और शेष महाराष्ट्र में 10.57 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी शामिल है."
महाराष्ट्र सरकार ने ब्राह्मण समुदाय के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिए स्वरोज़गार और व्यावसायिक अवसर सृजित करने हेतु स्थापित परशुराम आर्थिक विकास निगम के प्रथम निदेशक के रूप में छह वरिष्ठ नौकरशाहों को नियुक्त किया है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (योजना) राजगोपाल देवड़ा, प्रमुख सचिव (व्यय) सौरभ विजय, अतिरिक्त मुख्य सचिव (कौशल विकास एवं रोज़गार) मनीषा वर्मा, उद्योग सचिव अन्बलगन पी, कृषि प्रमुख सचिव विकास चंद्र रस्तोगी और ओबीसी कल्याण सचिव अप्पासो धुलज को निगम का प्रथम निदेशक नियुक्त किया है.
प्रस्ताव में कहा गया है कि परशुराम आर्थिक विकास निगम के प्रबंध निदेशक को इसके पंजीकरण के लिए आवश्यक सभी कानूनी औपचारिकताएँ पूरी करने के लिए अधिकृत किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक पुणे में निगम के कार्यालय का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने 1 मई को किया. राज्य सरकार ने अक्टूबर 2024 से यह पहल शुरू की है जिसके तहत ब्राह्मण समुदाय के छात्रों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कोटे के तहत सहायता मिलेगी.
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