Updated on: 15 August, 2025 10:21 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
नायगांव ईस्ट में अनंत योग और स्पिरिचुअल अवेकनिंग फाउंडेशन व रिदम डांस अकादमी के सहयोग से स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया.
देशभक्ति गीतों और डांस प्रस्तुतियों के बीच एक प्रेरणादायक सत्र भी हुआ, जिसमें आयोजकों और शिक्षकों ने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद किया.
नायगांव ईस्ट के योग प्रेमियों और स्थानीय निवासियों ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभक्ति और सांस्कृतिक रंगों से सजे एक भव्य कार्यक्रम का आनंद लिया. अनंत योग और स्पिरिचुअल अवेकनिंग फाउंडेशन के मुख्य योग शिक्षक आरती शर्मा द्वारा रिदम डांस अकादमी के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम ने देशभक्ति, संगीत, डांस और सामुदायिक भावना का एक अद्भुत संगम प्रस्तुत किया.
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समारोह का सबसे आकर्षक हिस्सा था बच्चों के जोशीले और दिल को छू लेने वाले प्रदर्शन. "सुनो गौर से दुनिया वालों" और "जय हो" जैसे देशभक्ति गीतों पर बच्चों ने अपनी ऊर्जा और प्रतिभा का प्रदर्शन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. अनंत योग के छात्रों द्वारा प्रस्तुत "सारे जहां से अच्छा" ने पूरे वातावरण में गर्व और एकता की भावना भर दी, जिसे उपस्थित लोगों ने तालियों से सराहा.
कार्यक्रम में शिवसेना (UBT) नेता रेश्मा अत्तार ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की. उन्होंने न केवल कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी से चार चांद लगाए, बल्कि कलाकारों के साथ गाकर अपनी भावनाओं को भी साझा किया. उनका यह अंदाज कार्यक्रम में एक व्यक्तिगत और प्रेरक स्पर्श जोड़ गया, जिसने राष्ट्र के प्रति प्रेम और सम्मान को और भी गहरा कर दिया.
इस यादगार आयोजन के पीछे आयोजक टीम की मेहनत साफ झलक रही थी. मुख्य योग शिक्षिका आरती शर्मा को उनकी सहयोगी वर्षा रानी, अंजलि सोनकर और श्रद्धा का पूरा समर्थन मिला. वहीं, ध्यान और कानून के क्षेत्र में विशेषज्ञ प्रशिक्षक अविनव वर्मा और रिदम डांस अकादमी के डांस शिक्षक आदित्य शर्मा ने भी कार्यक्रम की सफलता में अहम भूमिका निभाई.
देशभक्ति गीतों और डांस प्रस्तुतियों के बीच एक प्रेरणादायक सत्र भी हुआ, जिसमें आयोजकों और शिक्षकों ने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद किया. उन्होंने एकता, शांति और प्रगति के मूल्यों को अपनाने की अपील की. बच्चों और युवाओं को यह संदेश दिया गया कि राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है.
यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि देश के प्रति प्रेम, सम्मान और कृतज्ञता की एक जीवंत मिसाल था. इस दिन ने सभी को यह याद दिलाया कि स्वतंत्रता सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि इसे संजोकर रखने की जिम्मेदारी भी है.
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