होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > महाराष्ट्र से उद्योगों के पलायन पर आदित्य ठाकरे का हमला, MPCB की कार्रवाई और केंद्र सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

महाराष्ट्र से उद्योगों के पलायन पर आदित्य ठाकरे का हमला, MPCB की कार्रवाई और केंद्र सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

Updated on: 13 September, 2024 09:32 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

ठाकरे ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को महाराष्ट्र से माफी मांगने की मांग की.

X/Pics, Aaditya Thackeray

X/Pics, Aaditya Thackeray

आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र में उद्योगों की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि जब पहले से ही बड़ी कंपनियां राज्य से बाहर जा रही हैं, ऐसे में जो उद्योग वर्षों से महाराष्ट्र में स्थापित हैं और हजारों-लाखों युवाओं को रोजगार दे रहे हैं, उन्हें धमकाकर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) क्या हासिल करना चाहता है? उन्होंने इस संबंध में MPCB को एक पत्र लिखा है, जिसमें मर्सिडीज-बेंज कंपनी पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोपों पर सवाल उठाए हैं. ठाकरे ने पूछा कि अगर कंपनी ने वास्तव में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है, तो इसके सबूत क्या हैं, और यदि नहीं, तो बोर्ड द्वारा कंपनी को धमकाने का मकसद क्या है? उन्होंने यह भी कहा कि क्या सिद्धेश कदम ने कंपनी को कोई और उपहार देकर विवाद से बचा लिया होता? इस मामले में अब तक क्या सजा दी गई है, इसे लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए. ठाकरे ने जोर देकर कहा कि MPCB को इस मुद्दे पर तुरंत स्पष्टीकरण देना चाहिए ताकि उद्योगों को राज्य से बाहर जाने से रोका जा सके.



केंद्र सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार ने जनता को भ्रमित किया है. उन्होंने पूछा कि एक वैश्विक आर्थिक केंद्र बनाने में कितनी लागत आती है और मुंबई को एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र क्यों नहीं बनाया जा रहा है? उन्होंने गिफ्ट सिटी को गुजरात में स्थानांतरित किए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुंबई को इसका कोई फायदा नहीं दिया गया. ठाकरे ने कहा कि भाजपा की यह नीति युवाओं के रोजगार के अवसरों को प्रभावित कर रही है, जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है. बेरोजगारी के कारण युवा विरोध प्रदर्शन तक नहीं कर पा रहे, क्योंकि यह उनके लिए आर्थिक रूप से कठिन हो गया है.


ठाकरे ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को महाराष्ट्र से माफी मांगने की मांग की. उन्होंने कहा कि यदि किसी कंपनी के खिलाफ इस तरह की कठोर कार्रवाई की जाती है, तो इसका प्रभाव केवल मर्सिडीज-बेंज तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जर्मनी की अन्य प्रमुख कंपनियों पर भी इसका असर पड़ेगा. इसलिए, इस मामले में हस्तक्षेप करना आवश्यक है ताकि महाराष्ट्र में उद्योगों को सुरक्षित रखा जा सके और राज्य की औद्योगिक छवि को नुकसान न पहुंचे.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK