Updated on: 20 July, 2024 12:02 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
वाघनख को सतारा संग्रहालय की गैलरी में रखने के बाद कल इसका उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया.
सतारा संग्रहालय में लगी छत्रपति शिवाजी महाराज की वाघ्नख और प्रदर्शनी के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पहुंचे.
सत्रहवीं शताब्दी में हिंदू स्वराज्य की स्थापना करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज ने आदिल शाह सल्तनत के शक्तिशाली सेनापति अफ़ज़ल खान को वाघनख ने मार डाला था, इसे 350 साल बाद पहली बार महाराष्ट्र के संस्कृति विभाग द्वारा लंदन संग्रहालय से भारत लाया गया है. वाघनख को सतारा संग्रहालय की गैलरी में रखने के बाद कल इसका उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया.
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महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने उस समय कहा था कि `छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान की अंतड़ियों को वाघनख से बाहर निकाला था. वाघनख से फिलहाल कोई नाराज नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाघनख और छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर जो लोग बहस कर रहे हैं, उनके दिमाग से कूड़ा निकाल देंगे.
छत्रपति के वंशज उदयनराज भोसले और शिवेंद्रराज भोसले ने अनुरोध किया कि वाघनख पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. हमारे देश में कुछ लोगों का काम है किसी बात पर विवाद पैदा करना. यह रोग मौजूद नहीं है. छत्रपति शिवाजी महाराज को भी ऐसी बीमारी का सामना करना पड़ा था. उस समय कुछ लोगों के मन में स्वराज की स्थापना को लेकर संदेह था, लेकिन शिवाजी महाराज ने ऐसे लोगों के संदेह को दूर कर हिंदू स्वराज की स्थापना की.`
गौरतलब है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का बाघ लंदन के संग्रहालय में रखा गया था. महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और उनकी टीम बाघ को भारत लाने के लिए दो साल से कोशिश कर रहे थे. अब ये बाघ आ गए हैं और सतारा के संग्रहालय में रखे गए हैं. इस वाघनख को देखने की प्रदर्शनी का नाम शिवशास्त्र शौर्यगाथा है. लंदन से भारत लाए गए वाघनख सात महीने तक भारत में रहेंगे. इसे बाद में लंदन म्यूजियम के साथ हुए समझौते के तहत वापस भेज दिया जाएगा.
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