Updated on: 12 August, 2024 02:57 PM IST | Mumbai
Ranjeet Jadhav
वन रेंज कार्यालय ने संकेत दिया है कि प्रयोगशाला परीक्षण चल रहे हैं, जिससे कलाकृतियों की आयु की पुष्टि होगी.
वन विभाग ने डब्ल्यूडब्ल्यूए की सहायता से विरार पश्चिम में एक फोटोकॉपी की दुकान में प्रदर्शित एंटलर ट्रॉफियां जब्त कर लीं.
वन विभाग और वन्यजीव कल्याण संघ (WWA) ने विरार में एक फोटोकॉपी की दुकान से जंगली जानवरों की ट्रॉफियाँ जब्त की हैं. विरार रेलवे स्टेशन के पास विरार पश्चिम में हिमांशु कपाड़िया की एक दुकान में जंगली जानवरों की कई ट्रॉफियाँ देखने वाले एक स्थानीय निवासी ने WWA को इसकी सूचना दी थी. “हमारी टीम ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और एक प्रारंभिक निरीक्षण किया, जिससे सूचना की पुष्टि हुई. जल्द ही WWA की टीम ने पालघर विजिलेंस रेंज के वन अधिकारी के साथ दुकान का दौरा किया, जिसके परिणामस्वरूप 17 सींग वाली ट्रॉफियाँ जब्त की गईं. सींग चित्तीदार हिरण (चीतल), चौसिंगा, सांभर हिरण और भारतीय काले हिरण के थे.” ठाणे के मानद वन्यजीव वार्डन रोहित मोहिते ने कहा. जिस दुकान से सींग बरामद किए गए, उसके मालिक का दावा है कि उसे ये ट्रॉफियाँ उसके पूर्वजों से मिली थीं; दुकानदार के अनुसार, ये ट्रॉफियाँ तीस साल से ज़्यादा पुरानी थीं और सिर्फ़ दुकान पर दिखाने के लिए थीं, बिक्री के लिए नहीं. ज़ब्त ट्रॉफियाँ मांडवी वन रेंज को सौंप दी गई हैं. वन रेंज कार्यालय ने संकेत दिया है कि प्रयोगशाला परीक्षण चल रहे हैं, जिससे कलाकृतियों की आयु की पुष्टि होगी.
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“यह अभियान गौरव के लिए शिकार करने और सिर्फ़ प्रदर्शन ट्रॉफियों के रूप में जानवरों को संरक्षित करने के खिलाफ़ एक महत्वपूर्ण लड़ाई है. यह याद रखना ज़रूरी है कि वन्यजीवों की तस्करी और क्रूरता के खिलाफ़ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. हाथी दांत की हर वस्तु, हर सींग, हर कछुए के खोल की वस्तु एक जान ले सकती है. लेकिन यह सवाल अनुत्तरित है कि क्या हम इंसानों ने खुद को इतना नीचे गिरा दिया है कि हम अपनी दीवारों की शोभा बढ़ाने के लिए एक ज़िंदगी को नष्ट कर देते हैं?” मोहिते ने कहा.
अधिकारी की बात
पालघर में वन विभाग के मांडवी रेंज के रेंज फ़ॉरेस्ट ऑफिसर (RFO), प्रशांत देशमुख ने कहा, “हमें सूचना मिली कि हिमांशु कपाड़िया नाम के एक व्यक्ति की दुकान पर हिरण के सींग हैं. बुधवार को हम विरार में उसके घर गए, जिसके बाद उस व्यक्ति ने सभी हिरण सींग सौंप दिए. सींगों की उम्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए देहरादून भेजा जाएगा, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.”
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