Updated on: 17 July, 2024 08:53 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
हालांकि उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस और अजित पवार के साथ गढ़चिरौली जाते समय एक घटना घटी, जिसमें वह बाल-बाल बच गये.
अजित पवार और देवेन्द्र फड़णवीस (फाइल फोटो)
महायुति सरकार (बीजेपी, शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट, एनसीपी अजित पवार गुट) की ओर से चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इन्हीं तैयारियों के लिए राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्रियों देवेन्द्र फड़णवीस और अजित पवार के साथ कई इलाकों का दौरा कर रहे हैं. हालांकि उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस और अजित पवार के साथ गढ़चिरौली जाते समय एक घटना घटी, जिसमें वह बाल-बाल बच गये.
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महाराष्ट्र के दोनों उपमुख्यमंत्री, देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार, उद्योग मंत्री उदय सामंत और पार्थ पवार, सौभाग्य से नागपुर से गढ़चिरौली तक हेलीकॉप्टर यात्रा में बच गए. इन नेताओं की यात्रा के दौरान खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर बरसाती बादल में खो गया. खराब मौसम के कारण विजिबिलिटी भी काफी कम थी, लेकिन हेलीकॉप्टर के पायलट ने बड़ी कुशलता से हेलीकॉप्टर को लैंड करा लिया, जिससे बड़ा हादसा टल गया.
इस हेलीकॉप्टर में चार प्रमुख नेता सवार थे. उसी वक्त हेलीकॉप्टर रास्ता भटक गया. वे गढ़चिरौली में खराब मौसम से प्रभावित थे. लेकिन सौभाग्य से सभी सुरक्षित हैं. बताया जा रहा है कि इस बार पायलट ने अपनी कुशलता दिखाई और हेलीकॉप्टर को सुरक्षित उतार लिया. अजित पवार ने इस घटना की जानकारी दी. अजित पवार ने कहा कि हेलीकॉप्टर ने अच्छी उड़ान भरी, लेकिन कुछ देर बाद वह बादलों में खो गया. इस समय देवेन्द्र फड़णवीस शांति से बात कर रहे थे. सौभाग्य से, पायलट ने कुशलता दिखाई और हेलीकॉप्टर को उतार दिया. जिसके बाद दोनों उपमुख्यमंत्री गढ़चिरौली के कार्यक्रम में मौजूद थे.
अजित पवार ने कहा कि शुरुआत में अच्छा लगा, लेकिन बीच-बीच में बादल छाए रहे. मैंने फड़णवीस से सावधान रहने को कहा. लेकिन उन्होंने कहा कि चिंता न करें. फड़णवीस ने मुझे बताया कि अब तक मेरे साथ ऐसी छह दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. ऐसे हादसे (देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार हेलीकॉप्टर) में मुझे कुछ नहीं हुआ.` फिर तुम्हें कुछ नहीं होगा. आप शांत रहें. मैं चिंतित था, लेकिन फड़णवीस काफी तनाव मुक्त थे.` उत्तरार्ध सद्गुणी होगा. इसीलिए वे यहां तक पहुंचे हैं. उदय सामंत भी हमारे साथ थे. मेरी जान में जान तब आई जब हमें ज़मीन नज़र आने लगी. गढ़चिरौली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अजित पवार ने यह बात कही.
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