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मुंबई के कफ परेड में इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरियों में विस्फोट, 16 वर्षीय लड़के की हुई दर्दनाक मौत

Updated on: 21 October, 2025 10:14 AM IST | Mumbai
Ritika Gondhalekar | ritika.gondhalekar@mid-day.com

दक्षिण मुंबई के कफ परेड में सोमवार सुबह इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों में विस्फोट के कारण भीषण आग लग गई, जिसमें 16 वर्षीय यश विट्ठल खोत की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हुए.

16 साल के यश खोत की जान चली गई.

16 साल के यश खोत की जान चली गई.

दक्षिण मुंबई के कफ परेड स्थित मच्छीमार नगर में सोमवार सुबह करीब 4.15 बजे भीषण आग लगने से एक 16 वर्षीय लड़के की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए. अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आग वन-प्लस-वन चॉल की पहली मंजिल पर 10x10 वर्ग फुट के क्षेत्र में बिजली के तारों, बिजली के उपकरणों, तीन इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों और घरेलू सामानों तक सीमित थी. मृतक यश विट्ठल खोत ने सेंट जॉर्ज अस्पताल के आईसीयू में जलने के कारण दम तोड़ दिया.

एक पड़ोसी विश्वनाथ पवार ने मिड-डे को बताया कि घटना के समय चारों पीड़ित गहरी नींद में सो रहे थे. "हमें अन्य पड़ोसियों और उनके रिश्तेदारों का फोन आया. हम अस्पताल पहुँचे. लेकिन दुर्भाग्य से, यश आगे से पूरी तरह जल गया था. हम उसका चेहरा भी ठीक से नहीं पहचान पाए." बाकी तीन में से, 30 वर्षीय देवेंद्र चौधरी को आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जबकि 13 वर्षीय विराज खोत और 25 वर्षीय संग्राम कुरने का सामान्य वार्ड में इलाज जारी है.


अस्पताल के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. गणेश भंडारे ने कहा, "चौधरी के शरीर के कई हिस्से लगभग 25-30 प्रतिशत तक जल गए हैं. हालाँकि हमारे पास कोई विशेष बर्न यूनिट नहीं है, लेकिन चूँकि जलन की मात्रा 40 प्रतिशत से कम है, इसलिए हमारा सर्जिकल स्टाफ उनका इलाज कर सकता है. खोत और कुरने क्रमशः 13 और 15 प्रतिशत तक जले हैं. तीनों को इलेक्ट्रिक बैटरियों के कारण तेज़ाब से जलन हुई है. उन्हें ठीक होने में कम से कम एक हफ़्ते से 10 दिन और फिर कम से कम एक महीने का समय लगेगा."



`ईवी बैटरियों ने मेरे बेटे की जान ले ली`

सोमवार दोपहर जब यश का शव कफ परेड स्थित उनके घर पहुँचा, तो उसकी माँ रोते-रोते बेहोश हो गईं और अपने आँसू नहीं रोक पाईं. मृतक की माँ सुनीता विट्ठल खोत ने कहा, "वह एक खुशमिजाज़ और हंसमुख बच्चा था. वह कभी किसी की मदद करने से इनकार नहीं करता था. पिछली शाम, वह दोस्तों के साथ पटाखे फोड़ रहा था और त्योहार का आनंद ले रहा था. हमने कभी नहीं सोचा था कि दिवाली के त्यौहार पर हमारे घर का चिराग़ उजड़ जाएगा. बेटी की शादी हो जाने के बाद, बुढ़ापे में हमारी देखभाल कौन करेगा? हम अपना घर तो फिर से बना सकते हैं, लेकिन बेटा कहाँ से लाएँ?"


जब मिड-डे ने यह समझने की कोशिश की कि घर के अंदर इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियाँ क्या कर रही हैं, तो पड़ोसियों ने बताया कि खोत और उनका एक चचेरा भाई अपने पिता के रेस्टोरेंट और अन्य प्रतिष्ठानों में बर्फ़ पहुँचाने के छोटे-मोटे व्यवसाय में उनकी मदद करते थे. एक पड़ोसी ने कहा, "वे बर्फ़ लाने-ले जाने के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर का इस्तेमाल करते थे. चूँकि हम एक चॉल में रहते हैं और हमारे यहाँ चार्जिंग स्टेशन नहीं लगे हैं, इसलिए हर रात वे बैटरियाँ निकालकर घर पर चार्ज करते थे."

अंतिम संस्कार

यश का पार्थिव शरीर घर वापस आ गया है, लेकिन परिवार ने उनका अंतिम संस्कार अपने गृह नगर कोल्हापुर में करने का फैसला किया है. पवार ने कहा, "जैसे ही हमें इस स्थिति की जानकारी मिली, उनके पिता, जो किसी काम से अपने पैतृक स्थान गए थे, वहाँ से चले गए. उनके यहाँ पहुँचते ही वे पार्थिव शरीर कोल्हापुर ले जाएँगे और वहीं उनका अंतिम संस्कार करेंगे."

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