Updated on: 23 April, 2024 01:44 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (WEH) के अंधेरी फ्लाईओवर पर 28 वर्षीय वित्तीय निवेश कार्यकारी की रहस्यमय मौत को एक महीना हो गया है. मृतक के पिता ने कहा, लेकिन जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है, जिन्होंने पूछा, "मेरे इकलौते बेटे को किसने मारा?"
(बाएं से दाएं) वैष्णवी, रेखा और राजन सावंत - मृतक की पत्नी, मां और पिता - जोगेश्वरी में अपने घर पर; घटना वाले दिन युवक जिस स्कूटर पर सवार था. चित्र/दिवाकर शर्मा
वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (WEH) के अंधेरी फ्लाईओवर पर 28 वर्षीय वित्तीय निवेश कार्यकारी की रहस्यमय मौत को एक महीना हो गया है. मृतक के पिता ने कहा, लेकिन जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है, जिन्होंने पूछा, "मेरे इकलौते बेटे को किसने मारा?"
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
मृतक भूपेन्द्र सावंत 24 मार्च की शाम को अपने लोअर परेल कार्यालय से घर लौट रहे थे. WEH पर रहस्यमय चोटें लगने से कुछ मिनट पहले उन्होंने अपनी पत्नी वैष्णवी से बात की थी. अंधेरी के एक निजी अस्पताल में 48 घंटे के भीतर उन्होंने दम तोड़ दिया.
उनके परिवार ने कहा, जो अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे. उसका अप्रैल में प्रमोशन होना था और वह इस उपलब्धि से बहुत खुश थे. सावंत की शादी दिसंबर 2021 में हुई. उनकी छह महीने की बच्ची यह समझने के लिए बहुत छोटी है कि उसके पिता अब नहीं रहे. उनकी पत्नी वैष्णवी ने कहा कि जांच अधिकारी मामले को सुलझाने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहे हैं. अंधेरी पुलिस ने घटना के 13 दिन बाद एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की. शोक संतप्त परिवार के सदस्यों ने जांच अधिकारी, उप-निरीक्षक समाधान सुपे पर उनके गंभीर अनुरोधों के बावजूद महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने की प्रक्रिया में देरी करने का आरोप लगाया.
सावंत के दुःखी पिता राजन (52) ने कहा, “यह मुंबई पुलिस की ओर से पूरी तरह से विफलता है. पीएसआई सुपे के इरादे संदिग्ध हैं क्योंकि मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है, जो उन्होंने मेरे बेटे को सड़क पर गंभीर चोटें लगने के 13 दिन बाद दर्ज किया था. ”
राजन ने कहा, "पीएसआई सुपे ने हमें बताया था कि यह एक हिट-एंड-रन मामला था, लेकिन वह मुझे कोई सबूत देने में असफल रहे क्योंकि उनकी खोपड़ी, गर्दन और पीठ पर जो चोटें आईं, वे उनके स्कूटर पर देखी गई क्षति से मेल नहीं खातीं."
पुलिस का दावा है कि पूरा शहर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में है, लेकिन ऐसे जटिल मामलों को सुलझाते समय, जांचकर्ता लगातार कहते हैं कि फुटेज अस्पष्ट हैं, सीसीटीवी काम नहीं कर रहे थे या घटना कैद नहीं हुई थी. इस मामले में भी पीएसआई सुपे ने परिवार को बताया कि सीसीटीवी कैमरे की हार्ड डिस्क खराब हो गई है.
राजन ने कहा, "यह कैसे संभव है? उस रास्ते पर कई सीसीटीवी कैमरे हैं जहां मेरा बेटा खून से सने कपड़ों में पाया गया था और उसके लाल जूते गायब थे. आईओ ने तुरंत हमें बताया कि सीसीटीवी फुटेज खराब हो गया है और इसलिए, कुछ भी पुनर्प्राप्त नहीं किया जा सका…”
राजन ने कहा, “अगर मेरे बेटे को किसी वाहन ने टक्कर मारी थी, तो स्कूटर पर ऐसा कोई डेंट क्यों नहीं आया? मेरे बेटे की खोपड़ी पर कई दरारें थीं और उसका हेलमेट गायब है. क्या यह वास्तव में हिट-एंड-रन या रोड रेज था या मेरे बेटे ने अपने स्कूटर पर नियंत्रण खो दिया और खराब सड़क की स्थिति के कारण फिसल गया? अगर मुंबई पुलिस हमें सीसीटीवी फुटेज दिखाए तो सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा... अगर सुपे इस मामले को सुलझाने में सक्षम नहीं है या ऐसा करने का इरादा नहीं रखता है, तो मैं मुंबई पुलिस से अनुरोध करता हूं कि इस मामले को किसी सक्षम अधिकारी को सौंप दिया जाए ताकि इस बेचैन को राहत मिल सके.”
रोते हुए पिता ने मिड-डे को बताया, “मुझे केवल यह जानना है कि मेरे बेटे को किसने मारा. मुंबई पुलिस मेरा केस क्यों नहीं सुलझा पा रही है? क्या कमिश्नर इसका जवाब देंगे कि एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई? इन सवालों के जवाब पाने के लिए मुझे कहां जाना चाहिए?” जबकि उनकी पत्नी रेखा जोगेश्वरी पूर्व में अपने आवास पर चुपचाप देख रही थीं.
वैष्णवी ने कहा कि उनके पति हमेशा अपने लोअर परेल कार्यालय तक ट्रेन से आते-जाते थे, लेकिन 24 मार्च को रविवार और होलिका दहन था, इसलिए उन्होंने स्कूटर लेना पसंद किया ताकि वह जल्द लौट सकें.
उन्होंने कहा, “यह हमारी बेटी की पहली होली थी. घर लौटने के बाद मेरे पति को हमारे साथ एक पूजा में शामिल होना था. अपना काम पूरा करने के बाद वह शाम 7.30 बजे निकले और रात 9 बजे बांद्रा में रुके. वहां, उसने मुझसे कहा कि वह अगले 15-20 मिनट में घर पहुंच जाएगा क्योंकि वहां लगभग शून्य ट्रैफिक था.``
उसने याद करते हुए कहा, ``मैंने रात 9.30 बजे तक उसका इंतजार किया और 9.35 बजे उसे फोन किया, लेकिन जब किसी ने मुझे फोन किया तो मैं चौंक गई. वर्ना ने कॉल रिसीव की और मुझे जोगेश्वरी के ट्रॉमा केयर सेंटर जाने के लिए कहा. मैंने अपने ससुराल वालों को सूचित किया और तुरंत वहां पहुंची. उसके कपड़े खून से सने हुए थे और वह बेहोश था.”
परिवार को पता चला कि सावंत को एक टेम्पो में आपातकालीन वार्ड में लाया गया था. उन्होंने कहा, "कुछ मोटरसाइकिल चालकों ने देखा कि मेरे पति सड़क पर घायल अवस्था में पड़े हैं, उन्होंने एक टेम्पो रोका, उन्हें बिठाया और चालक उन्हें रात 9.19 बजे केंद्र पर ले आया."
उन्होंने कहा, “मुंबई मेट्रो ट्रैक के नीचे अंधेरी फ्लाईओवर पर रात 9 बजे से 9.15 बजे के बीच कुछ हुआ. पुलिस को इसकी जांच करने की जरूरत है कि इन 15 मिनटों में क्या हुआ.`` मिड-डे को पता चला है कि अंधेरी पुलिस ने टेम्पो ड्राइवर का बयान दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी भी मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है.
`कंट्रोल रूम को किसने बुलाया?`
राजन ने कहा, “मुझे बताया गया है कि मेरे घायल बेटे को अस्पताल पहुंचाने से पहले किसी ने मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को भी सूचना दे दी थी. वह व्यक्ति कौन था? अंधेरी पुलिस यह जानने के लिए कॉल करने वाले से संपर्क क्यों नहीं कर रही है कि उसने क्या देखा है?``
सावंत के मामा श्याम मलंकर उस स्थान पर जहां युवक मिला था. तस्वीर/अनुराग अहिरे
भूपेन्द्र के मामा श्याम मलंकर लगातार पीओ से संपर्क कर रहे थे. राजन के मुताबिक, उन्होंने एफआईआर दर्ज करने को कहा, लेकिन सुपे ने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा क्योंकि वह दिल्ली में थे और वापस आने पर मामला दर्ज कराएंगे.
संपर्क करने पर सुपे ने कहा, “कोई प्रत्यक्षदर्शी या सीसीटीवी फुटेज नहीं है. यह दुर्घटना WEH पर हुई जहां एक मिनट में लगभग 200 वाहन गुजरते हैं. ऐसे में यह पता लगाना वाकई मुश्किल होगा कि किस वाहन ने उसे टक्कर मारी. साथ ही मृतक बिना हेलमेट के स्कूटर चला रहा था. यदि वह होता तो सिर में चोट लगने के कारण उसकी मौत नहीं होती. हमारी जांच चल रही है.”
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT