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Ghatkopar Hoarding Collapse: बीएमसी ने तीन अन्य होर्डिंग्स को तत्काल हटाने के लिए विज्ञापन एजेंसी को जारी किया नोटिस

Updated on: 15 May, 2024 04:16 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

सोमवार की शाम तेज हवाओं के दौरान पेट्रोल पंप पर गिरे होर्डिंग के मामले में मेसर्स एगो मीडिया को नोटिस जारी किया गया है.

तस्वीर/समीर मारकंडे

तस्वीर/समीर मारकंडे

अधिकारियों ने कहा कि घाटकोपर बिलबोर्ड गिरने की घटना के बाद बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने सोमवार को एक विज्ञापन एजेंसी को नोटिस जारी किया, जिसमें घटनास्थल के पास शेष तीन होर्डिंग्स को तुरंत हटाने के लिए कहा गया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार की शाम तेज हवाओं के दौरान पेट्रोल पंप पर गिरे होर्डिंग को लगाने के मामले में मेसर्स एगो मीडिया को नोटिस जारी किया गया है. 

रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, "बीएमसी ने विज्ञापन एजेंसी को वैध अनुमति नहीं होने के कारण शेष तीन होर्डिंग्स को तुरंत हटाने के लिए कहा है." सहायक पुलिस आयुक्त (प्रशासन) ने रेलवे पुलिस, मुंबई के आयुक्त की ओर से चार होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी, जिसमें वह होर्डिंग भी शामिल थी जो सोमवार को ढह गई थी, लेकिन बीएमसी से कोई आधिकारिक अनुमति या एनओसी नहीं ली गई थी.


अधिकारी ने कहा कि जिस जमीन पर होर्डिंग लगाई गई थी वह कलेक्टर की जमीन है और संपत्ति कार्ड रिकॉर्ड के अनुसार यह महाराष्ट्र सरकार के पुलिस हाउसिंग कल्याण निगम के कब्जे में थी. रिपोर्ट के अनुसार इसमें कहा गया है कि जमीन शुरू में राजकीय रेलवे पुलिस को उपयोग के लिए दी गई थी. बीएमसी अधिकारी ने कहा कि इससे पहले 2 मई को बीएमसी ने रेलवे पुलिस के सहायक पुलिस आयुक्त (प्रशासन) को विज्ञापन एजेंसी को सभी अनुमतियां रद्द करने और होर्डिंग्स हटाने का निर्देश देने के लिए एक नोटिस जारी किया था.


उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस ने छेदा नगर इलाके में होर्डिंग्स को देखने में बाधा डालने वाले पेड़ों को कथित तौर पर जहर देने के लिए संबंधित विज्ञापन एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज किया था.  हालांकि, बीएमसी अधिकतम 40x40 वर्ग फुट के आकार की होल्डिंग की अनुमति देती है, लेकिन जो अवैध होर्डिंग ढहा, उसका आकार 120 x 120 वर्ग फुट था. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि होर्डिंग लगाने का कार्य आदेश सबसे पहले दिसंबर 2021 में तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा जीआरपी आयुक्त की ओर से दिया गया था. जीआरपी के कमिश्नर रवींद्र शिसावे ने कहा कि जिस जमीन पर होर्डिंग्स लगाए गए थे, वह सरकारी रेलवे पुलिस के कब्जे में है, लेकिन उनके कार्यभार संभालने से पहले ही वहां होर्डिंग्स लगाए गए थे. उन्होंने आगे कहा कि जीआरपी ने पहले ही होर्डिंग्स लगाने के लिए दी गई अनुमति के बारे में जांच शुरू कर दी है.


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