Updated on: 17 July, 2025 08:20 AM IST | Mumbai
Ranjeet Jadhav
आरे मिल्क कॉलोनी की झुग्गी-झोपड़ियों और आदिवासी बस्तियों के निवासी खुले में शौच करते समय तेंदुओं से टकराने की आशंका के चलते सार्वजनिक शौचालयों की मांग कर रहे हैं.
Pics/Nimesh Dave
आरे मिल्क कॉलोनी की झुग्गी-झोपड़ियों और आदिवासी बस्तियों के निवासी खुले में शौच करते समय तेंदुओं से टकराने की आशंका के चलते लगातार सार्वजनिक शौचालयों की मांग कर रहे हैं, लेकिन 2023 में उद्घाटन किए गए 70 शौचालयों वाले दो सार्वजनिक शौचालयों को अभी तक जनता के लिए नहीं खोला गया है. स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्हें बताया गया था कि इमारतों में अभी तक बिजली और पानी की आपूर्ति नहीं हुई है, जिससे सवाल उठता है कि इन सुविधाओं का उद्घाटन आखिर क्यों किया गया. शिवसेना (यूबीटी) शाखा प्रमुख संदीप गढ़वे ने पी साउथ वार्ड के सहायक नगर आयुक्त को पत्र लिखकर जवाब मांगा है.
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“आरे के निवासियों को खुले में शौच के लिए बाहर न जाना पड़े, इसके लिए यूनिट 7 और 31 में 70 शौचालयों वाले दो शौचालय बनाए गए थे. 18 जून, 2023 को, भाजपा मुंबई अध्यक्ष और तीन बार के विधायक आशीष शेलार ने यूनिट 7 में इस सुविधा का उद्घाटन किया था, लेकिन दो साल बाद भी, शौचालय जनता के लिए नहीं खोला गया है. इससे साफ पता चलता है कि स्थानीय भाजपा नेता और नगरसेवक ने सबको बेवकूफ बनाया है,” गढ़वे ने कहा. सेना (यूबीटी) नेता के अनुसार, यूनिट 31 सुविधा का उद्घाटन भाजपा विधायक अमीत साटम ने सितंबर 2023 में किया था.
“सबसे पहले, अगर शौचालय खुलने ही नहीं थे, तो उनका उद्घाटन क्यों किया गया? नागरिक लंबे समय से इन बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. अधिकारी पानी के कनेक्शन लगाने सहित देरी के तकनीकी कारणों का दावा कर रहे हैं,” गढ़वे ने कहा. सेना (यूबीटी) नेता ने मांग की है कि मामले की गहन जांच की जाए और संबंधित ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.
पूर्व पार्षद के दावे
वार्ड संख्या 52 की पूर्व पार्षद प्रीति साटम ने कहा, "विपक्ष के लोग शौचालयों के बंद होने के लिए मुझे ज़िम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं लगातार बीएमसी [बृहन्मुंबई नगर निगम] से संपर्क कर रही हूँ. बीएमसी वार्ड कार्यालय शौचालयों में पानी की आपूर्ति नहीं कर रहा है. यूनिट 7 में, स्थानीय असामाजिक तत्व शौचालयों को खोलने नहीं दे रहे हैं क्योंकि वे उन्हें चलाने का ठेका चाहते हैं. मैंने इस बारे में पुलिस में शिकायत की है. यूनिट 31 के संबंध में, मैंने बीएमसी वार्ड कार्यालय से शौचालयों में पानी की आपूर्ति करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. एक जनप्रतिनिधि होने के नाते, मैंने हर संभव प्रयास किया है, और अब अधिकारियों को हस्तक्षेप करना चाहिए."
उन्होंने शौचालयों के अस्तित्व का श्रेय लेते हुए कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. यूनिट 7 के एक निवासी ने मिड-डे को बताया, "दो साल से ज़्यादा हो गए हैं, लेकिन हमारे इलाके में शौचालय अभी तक नहीं खुला है. जब हमने अधिकारियों से पूछा कि ऐसा क्यों है, तो उन्होंने कहा कि पानी की समस्या है. इस सुविधा का उद्घाटन दो साल पहले क्यों हुआ? हमें खुले में शौच के लिए अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है क्योंकि मौजूदा सार्वजनिक शौचालय साफ़ नहीं है."
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