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लालबागचा राजा बनेगा अंगदान जागरूकता का मंच, परेल अस्पताल की अनोखी पहल

Updated on: 26 August, 2025 12:56 PM IST | Mumbai
Hemal Ashar | hemal@mid-day.com

गणेशोत्सव 2025 में परेल स्थित ग्लेनीगल्स अस्पताल ने लालबागचा राजा मंडल के साथ साझेदारी कर अंगदान जागरूकता की अनोखी पहल शुरू की है.

Representation Pic

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मुंबई का प्रतिष्ठित गणपति मंडल - लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल - बुधवार से शुरू हो रहे 10 दिनों के दौरान बप्पा का आशीर्वाद लेने के लिए लाखों भक्तों के आने की उम्मीद के साथ, अंतिम क्षणों में तैयारियों में जुटा है.

परेल स्थित ग्लेनीगल्स अस्पताल ने लालबाग मंडल के साथ साझेदारी की है ताकि अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए उनके विशाल मंच का उपयोग किया जा सके, जहाँ प्रतिदिन आने वाले लोग आते हैं. बुधवार से मंडल क्षेत्र में अस्पताल द्वारा एक विशेष प्रतिज्ञा स्टॉल लगाया जाएगा, जहाँ लोग अंगदान के बारे में जान सकते हैं, पंजीकरण करा सकते हैं और अंगदान का संकल्प ले सकते हैं.


लालबागचा राजा मंडल के ट्रस्टी सुधीर साल्वी ने कहा, "लाखों भक्त अपने मन में प्रार्थना लेकर यहाँ आते हैं. इस पहल के माध्यम से, वे अपने अंगों का दान करके दूसरों के लिए आशा भी फैला सकते हैं. हमें इस जीवन रक्षक मिशन का समर्थन करने पर गर्व है."


`जीवनदायी`

ग्लेनीगल्स हॉस्पिटल, मुंबई के सीईओ, डॉ. बिपिन शेवाले ने कहा, "यह पहली बार है जब हमने इस मंडल के साथ हाथ मिलाया है, हालाँकि हमने अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं. मंडल ने हमें यह स्टॉल लगाने के लिए जगह स्वेच्छा से, बिना किसी शुल्क के दी है. हमारा मानना ​​है कि यह जगह आदर्श है, क्योंकि हम आस-पास ही हैं - लालबाग से बस कुछ ही दूरी पर. यहाँ रोज़ाना लाखों श्रद्धालु आएंगे. वे खुद को शिक्षित कर सकते हैं और प्रतिज्ञा पत्र भी ले सकते हैं."


डॉक्टर ने एक व्यक्ति को याद दिलाया कि यह अस्पताल 2012 में अपनी स्थापना के समय से ही प्रत्यारोपण के क्षेत्र में कार्यरत है. "हमने हृदय, यकृत, फेफड़े, गुर्दे, अग्न्याशय और आंत के प्रत्यारोपण किए हैं. हालाँकि कुछ साल पहले की तुलना में जागरूकता बढ़ी है, फिर भी अंगदान की दर अभी भी कम है. शवदान बहुत मददगार होता है. कई सांस्कृतिक मुद्दे भी हैं, जो अंगदान में बाधा डालते हैं. कुछ आशावान लोग कभी-कभी वर्षों तक प्रतीक्षा करते हैं और प्रत्यारोपण के इंतज़ार में मर भी सकते हैं."

एक दान से जान बचती है

सीईओ ने दान में महानता का भाव जगाते हुए कहा, "अंगदान सबसे बड़ा दान है जो कोई भी दे सकता है. जिस प्रकार भगवान गणेश बाधाओं को दूर करते हैं, उसी प्रकार अंगदान का संकल्प अंग विफलता से जूझ रहे रोगियों के लिए सबसे बड़ी बाधा - जीवन के दूसरे अवसर की प्रतीक्षा - को दूर कर सकता है. याद रखें कि एक मृत दाता आठ लोगों की जान बचा सकता है, जिससे दाता एक तरह से अमर हो जाता है. बप्पा के सामने यह संकल्प लेने से इस कार्य में एक पवित्र अर्थ जुड़ जाता है."

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