Updated on: 12 August, 2024 03:39 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अपनी बैठक के दौरान, शरद पवार ने सुझाव दिया कि आरक्षण के मामले को सुलझाने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए.
शरद पवार. फाइल फोटो
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि उन्होंने हाल ही में मराठा कोटा पर चर्चा करने के लिए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और उनसे इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अपनी बैठक के दौरान, शरद पवार ने सुझाव दिया कि आरक्षण के मामले को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री को एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. पवार ने आश्वासन दिया कि एनसीपी ऐसी बैठक में सहयोगात्मक रूप से भाग लेगी. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री इस प्रस्ताव पर सहमत होंगे.
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रिपोर्ट के मुताबिक अपनी बैठक के दौरान, शरद पवार ने सुझाव दिया कि आरक्षण के मामले को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री को एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. पवार ने आश्वासन दिया कि एनसीपी ऐसी बैठक में सहयोगात्मक रूप से भाग लेगी. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री इस प्रस्ताव पर सहमत होंगे. शरद पवार ने कहा, "हाल ही में मैंने मराठा आरक्षण मुद्दे पर चर्चा करने के लिए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की. मैंने उनसे कहा कि उन्हें आरक्षण मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. हम भी मौजूद रहेंगे, हमारा रुख सहयोगात्मक रहेग. मुझे यकीन है कि सीएम सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे. ओबीसी के नेताओं को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए और हमें इस मुद्दे पर सर्वसम्मति से समाधान खोजने की कोशिश करनी चाहिए. केंद्र सरकार को 50 फीसदी से अधिक आरक्षण देने का अधिकार है. इसलिए अगर वह इस मुद्दे पर सकारात्मक कदम उठाती है, तो हम उनके साथ सहयोग करेंगे."
इस बीच, पिछले महीने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली महायुति और विपक्षी ब्लॉक महा विकास अघाड़ी की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वे आरक्षण पर मराठा समुदाय की मांगों को संबोधित करने के लिए गंभीर नहीं हैं. जरांगे ने कहा कि भाजपा नेता `चालाक` हैं, जबकि एमवीए नेता उनके समर्थन में पर्याप्त रूप से मुखर नहीं हैं. उन्होंने कहा, "दोनों ही मराठा समुदाय को आरक्षण देने के बारे में गंभीर नहीं हैं. मराठा उन्हें वोट देते रहे हैं. अब हम उन्हें (चुनावों में) देखेंगे."
कार्यकर्ता मसौदा अधिसूचना के क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं, जो कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के `ऋषि सोयारे` (रक्त संबंधी) के रूप में मान्यता देता है और बाद में उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण प्रदान करता है. रिपोर्ट के मुताबिक कुनबी, एक कृषि समुदाय है, जिसे ओबीसी श्रेणी के तहत कोटा लाभ मिलता है. हालांकि, ओबीसी सदस्यों ने जोर देकर कहा है कि उनके कोटे को कम नहीं किया जाना चाहिए.
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