Updated on: 19 April, 2025 09:32 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
मुंबई के घाटकोपर इलाके की एक हाउसिंग सोसाइटी में शाकाहारी और मांसाहारी भोजन को लेकर विवाद खड़ा हो गया. आरोप है कि एक गुजराती परिवार ने मांसाहार करने पर एक मराठी परिवार को `गंदा` कहकर अपमानित किया.
विवाद के बाद सोसाइटी में माहौल शांत है, लेकिन अंदरूनी तनाव अब भी बना हुआ है.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में अब लोगों की थाली भी टकराव की वजह बन गई है. मामला है घाटकोपर इलाके की एक हाउसिंग सोसाइटी का, जहां शाकाहारी और मांसाहारी भोजन को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद इस कदर बढ़ गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा.
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यह विवाद तब शुरू हुआ जब सोसाइटी में रहने वाले एक गुजराती परिवार ने कथित तौर पर एक मराठी परिवार को मांसाहारी भोजन करने के कारण "गंदा" कह दिया. मराठी परिवार ने इसे अपमानजनक बताया और विरोध जताया. देखते ही देखते बहस बढ़ गई और मामला इतना गंभीर हो गया कि अन्य निवासी भी इसमें शामिल हो गए.
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विवाद की जानकारी मिलते ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता राज पाट्रे मौके पर पहुंचे. उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह मराठी लोगों का अपमान है और उनकी जीवनशैली पर सवाल उठाना अस्वीकार्य है. एक वायरल वीडियो में पाट्रे बेहद नाराज़ नजर आए और उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मराठी समुदाय का अपमान होता रहा, तो पार्टी सड़क पर उतरने से पीछे नहीं हटेगी.
पाट्रे ने मीडिया से कहा, “यह सिर्फ एक खान-पान का मामला नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और आत्म-सम्मान से जुड़ा विषय है. कोई किसी को उसकी थाली के लिए ‘गंदा’ नहीं कह सकता.”
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय पुलिस को बुलाया गया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाया और तनाव को बढ़ने से रोका. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है, लेकिन शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गश्त बढ़ा दी गई है.
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अब खान-पान की स्वतंत्रता भी सोसाइटी के नियमों और सामाजिक पूर्वाग्रहों की भेंट चढ़ रही है?
विवाद के बाद सोसाइटी में माहौल शांत है, लेकिन अंदरूनी तनाव अब भी बना हुआ है.
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