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Mumbai: बांग्लादेशियों का नागपुर हिंसा से कनेक्शन? पुलिस ने कहा- `हमें संदेह है वह वहीं था`

Updated on: 29 March, 2025 02:32 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

क्राइम ब्रांच यूनिट-बी के अधिकारियों ने 29 वर्षीय अजीजुल निजानुल रहमान को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है.

गिरफ़्तारी

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मुंबई पुलिस ने देश में अवैध रूप से रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को दादर से गिरफ्तार किया है और जांच कर रही है कि 17 मार्च को नागपुर में हुई हिंसा में उसकी कोई भूमिका थी या नहीं. क्राइम ब्रांच यूनिट-बी के अधिकारियों ने 29 वर्षीय अजीजुल निजानुल रहमान को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है. अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा, ``हमें संदेह है कि जब नागपुर में हिंसा हुई तब वह वहीं था.`` वह नागपुर के हसनबाग में रहता है और कुछ दिन पहले दादर आया था. मजदूर अजीजुल ने हमारे सामने कबूल किया है कि उसने फर्जी दस्तावेजों की मदद से आधार कार्ड हासिल किया है. हम उसके मोबाइल की लोकेशन की जांच कर रहे हैं. हमने उसकी गिरफ्तारी की जानकारी नागपुर पुलिस को भी दे दी है.

17 मार्च को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर नागपुर में विरोध प्रदर्शन किया. शहर में एक पवित्र चादर जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद मुसलमानों ने शहर में हिंसा शुरू कर दी. पुलिस ने इस मामले में अब तक 114 लोगों को गिरफ्तार किया है.


भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में मुंबई पुलिस ने 17 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, क्योंकि वे भारतीय नागरिकता का सबूत नहीं दे पाए. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार गिरफ्तारियां शिवाजीनगर और आरसीएफ पुलिस ने की हैं, जो अब आगे की जांच कर रही हैं. गोपनीय सूचना के आधार पर शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन की एक टीम ने 24 मार्च, 2025 को एक जाल अभियान में आठ संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा. 


सभी संदिग्ध आधार कार्डों को फिर से सत्यापन के लिए भेजा गया है, जिसमें आधार बनाने के लिए जमा किए गए दस्तावेजों की विस्तृत जांच शामिल है. आधार अधिकारियों के साथ बैठक में सभी आधार केंद्रों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर उन्हें कोई व्यक्ति संदिग्ध दस्तावेजों पर आधार संशोधित करने या बनाने की कोशिश करता हुआ मिले तो वे पुलिस को सूचित करें. यदि व्यक्तियों के अवैध बांग्लादेशी नागरिक होने की पुष्टि हो जाती है, तो उन्हें हिरासत केंद्र में रखा जाएगा और प्रोटोकॉल के अनुसार उनकी सुरक्षित वापसी की सुविधा के लिए एफआरआरओ को सूचित किया जाएगा.


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