Updated on: 19 October, 2025 10:28 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
मुख्य रूप से अहिल्यानगर, नासिक और मुंबई के राजनीतिक कार्यकर्ताओं का शिंदे ने पार्टी में स्वागत किया. शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री भी हैं.
तस्वीर/X
ठाणे में रविवार को आयोजित एक दिवाली समारोह में विभिन्न राजनीतिक दलों के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल किया गया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार मुख्य रूप से अहिल्यानगर, नासिक और मुंबई के सरपंचों, पार्षदों, पदाधिकारियों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं का शिंदे ने सत्तारूढ़ पार्टी में स्वागत किया. शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री भी हैं.
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रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा, "मैं आप सभी का शिवसेना परिवार में स्वागत करता हूँ. हम सब मिलकर महाराष्ट्र को मज़बूत बनाने और अपने विज़न को घर-घर तक पहुँचाने के लिए काम करेंगे." इस कार्यक्रम को स्थानीय निकाय चुनावों से पहले शिवसेना द्वारा एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य उन क्षेत्रों में ज़मीनी स्तर पर प्रभाव को मज़बूत करना है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित किसानों को मुआवज़ा देने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "दिवाली शुरू हो गई है और हम इसे खुशी से मना रहे हैं. लेकिन इन खुशियों के बीच, मराठवाड़ा में बाढ़ के कारण मातम पसरा है और किसान रो रहे हैं."
शिंदे ने कहा कि ठाणे के मतदाता दोनों पार्टियों को दिखा देंगे कि "बॉस" कौन है. रिपोर्ट के मुताबिक शिंदे ने कहा, "कुछ नेता कह रहे थे कि अगर दो ठाकरे एक साथ आ गए, तो आतिशबाजी होगी. लेकिन ठाणे की जनता उन्हें दिखा देगी कि बॉस कौन है. जो अपने सिद्धांतों पर अडिग रहेंगे, उन्हें जनता नकार देगी."मराठवाड़ा बाढ़ पर अपनी पार्टी की प्रतिक्रिया पर प्रकाश डालते हुए, उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवसेना कार्यकर्ताओं को आपदा राहत और प्रभावित समुदायों की सहायता को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा, "हमारे कार्यकर्ता प्रभावित इलाकों में गए और हमने उनसे दशहरा रैली (मुंबई में) में न आने और वहीं रहकर किसानों की मदद करने को कहा. हमने प्रभावित लोगों को सहायता किट भेजीं और उनकी मदद की. मुझे गर्व है कि हमारे कार्यकर्ता ज़रूरत के समय किसानों के साथ खड़े रहे."
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