Updated on: 19 September, 2024 04:53 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
हालांकि, इस संबंध में रेलवे प्रशासन की ओर से वर्क ऑर्डर में देरी पर हाई कोर्ट ने बुधवार को नाराजगी जताई.
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मुंबई की लोकल ट्रेनों में यात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को होने वाली समस्या के समाधान के लिए रेलवे प्रशासन ने लोकल डिब्बों में से एक को बदलकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग डिब्बा लगाने का निर्णय लिया है. हालांकि, इस संबंध में रेलवे प्रशासन की ओर से वर्क ऑर्डर में देरी पर हाई कोर्ट ने बुधवार को नाराजगी जताई. साथ ही रेल प्रशासन को कार्य आदेश शीघ्र वापस लेने का आदेश दिया.
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मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने रेलवे प्रशासन को आदेश दिया कि जब तक स्थानीय स्तर पर अलग कोच उपलब्ध नहीं कराए जाते तब तक वरिष्ठ नागरिकों को मालडब्बा से यात्रा करने की अनुमति दी जाए. इसके बाद, रेलवे प्रशासन ने अदालत को आश्वासन दिया कि दो साल के भीतर वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्थानीय स्तर पर अलग कोच उपलब्ध कराए जाएंगे. जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में दायर याचिका का निपटारा कर दिया.
वरिष्ठ नागरिकों को मध्य और पश्चिमी उपनगरों से यात्रा करते समय कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. हर ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ सीटें आरक्षित होती हैं. हालाँकि, उपनगरीय लोकल ट्रेनों में भीड़भाड़ को देखते हुए, वरिष्ठ नागरिकों के लिए उन सीटों तक पहुँचना संभव नहीं है. वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी.
पश्चिम रेलवे के मंडल वाणिज्य प्रबंधक ने याचिका पर अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि पश्चिम और मध्य रेलवे ने पिछले साल रेलवे बोर्ड से माल कोच (चर्चगेट दिशा से सातवां लोकल कोच) बदलने की सिफारिश की थी. इन कोचों को वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष कोच के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ने व्यवहार्यता और लागत अध्ययन के बाद इस साल 27 फरवरी को मंजूरी दे दी थी.
नायर की याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. साथ ही कोर्ट को भी इसकी जानकारी दी गयी. साथ ही रेलवे प्रशासन ने पीठ को बताया कि इस संबंध में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं और अगले दो वर्षों में मध्य रेलवे के 155 और पश्चिमी रेलवे के 105 कोचों को वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग कोच में बदल दिया जाएगा. हालांकि, कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि अभी तक वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया गया है.
गौरतलब है कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुंबई आकर लोकल ट्रेन में सफर किया था. `मिड-डे` से बात करते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे मुंबई में अपनी दो सुरक्षा प्रणालियों, संचार-आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) और कवच को एकीकृत करने की कोशिश कर रहा है. अगर कोशिश सफल रही तो दो ट्रेनों के बीच मौजूदा 180 सेकेंड को घटाकर 150 सेकेंड किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो मुंबईकरों के लिए और अधिक ट्रेन सेवाएं चलाई जा सकेंगी.`
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