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चेंबूर पूर्व के माहुल गांव में कचरे का अंबार, बारिश ने बढ़ाई और ज्यादा समस्याएं

Updated on: 29 July, 2025 09:34 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

चेंबूर के माहुल गांव में कचरे का ढेर वर्षों से जमा है, जो बारिश के दौरान और फैल गया है, जिससे इलाके में गंदगी और मच्छरों की समस्या बढ़ गई है.

माहुल गांव की यह स्थिति साफ-सफाई के प्रति लापरवाही और प्रशासनिक अनदेखी का स्पष्ट उदाहरण है.

माहुल गांव की यह स्थिति साफ-सफाई के प्रति लापरवाही और प्रशासनिक अनदेखी का स्पष्ट उदाहरण है.

चेंबूर के माहुल गांव में कचरे की समस्या अब एक गंभीर संकट बन गई है. लंबे समय से इलाके में कचरे को सही तरीके से एकत्रित नहीं किया गया है. सड़कों के किनारे कचरे के ढेर लगे हुए हैं, जो बारिश के पानी में बहकर और भी फैल जाते हैं. यह स्थिति न केवल इलाके की सफाई को प्रभावित कर रही है, बल्कि यहां रहने वाले लोगों की सेहत के लिए भी खतरे का कारण बन चुकी है. कचरे का अंबार अब न केवल गंदगी का रूप ले चुका है, बल्कि मच्छर, कीड़े और अन्य हानिकारक जीव-जंतु भी पनपने लगे हैं, जो बीमारियों को फैलाने में मददगार साबित हो सकते हैं.

स्थानीय निवासी ने मिड-डे से बात करते हुए कहा, "हम रोज़ कचरे के ढेर के बीच से गुजरते हैं, और बारिश के कारण यह स्थिति और बिगड़ गई है. बदबू से लेकर मच्छरों तक, सब कुछ हमारे लिए परेशानी का कारण बन गया है. हम बीएमसी से निवेदन करते हैं कि इस समस्या का जल्दी हल निकाला जाए." यही नहीं, इलाके के अन्य निवासी भी इस स्थिति से परेशान हैं और सफाई व्यवस्था की कमी के कारण प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह समस्या अब गंभीर रूप ले चुकी है, और इससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.


 


 


माहुल गांव की यह स्थिति साफ-सफाई के प्रति लापरवाही और प्रशासनिक अनदेखी का स्पष्ट उदाहरण है. अधिकारियों द्वारा बार-बार वादे किए गए, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. अगर अब भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह और बढ़ सकती है और लोगों के जीवन को और भी मुश्किल बना सकती है. इलाके के लोग अब चाहते हैं कि प्रशासन तुरंत कार्रवाई करे, ताकि उनकी सेहत को कोई खतरा न हो और उनका जीवन सामान्य रूप से चल सके.

 

माहुल गांव की स्थिति यह साबित करती है कि जब तक स्थानीय प्रशासन अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभाता, तब तक लोग ऐसे संकटों का सामना करते रहेंगे. इस वक्त सबसे जरूरी है कि इस समस्या का समाधान शीघ्र और प्रभावी तरीके से किया जाए.

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