होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > राहुल नार्वेकर बने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष, विपक्ष ने जताई कड़ी आपत्ति

राहुल नार्वेकर बने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष, विपक्ष ने जताई कड़ी आपत्ति

Updated on: 09 December, 2024 01:50 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

अंतिम दिन विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी की गई। बीजेपी विधायक राहुल नार्वेकर को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुना गया, जिससे सत्ता पक्ष की मजबूती स्पष्ट हुई.

बीजेपी नेता और विधायक राहुल नार्वेकर को एक बार फिर सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुन लिया गया है.

बीजेपी नेता और विधायक राहुल नार्वेकर को एक बार फिर सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुन लिया गया है.

महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद मुंबई में तीन दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र का आयोजन हुआ, जो 7 से 9 दिसंबर तक चला. इस सत्र के पहले दो दिन विधायकों के शपथ ग्रहण के लिए निर्धारित थे, जबकि अंतिम दिन विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी की गई. बीजेपी विधायक राहुल नार्वेकर को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया, जिससे राज्य की राजनीति में सत्ता पक्ष की मजबूत स्थिति स्पष्ट हो गई.

अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया


विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया का नेतृत्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने किया. उन्होंने राहुल नार्वेकर का नाम प्रस्तावित किया, जिसे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार और वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटिल ने अनुमोदित किया. इसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष कालिदास कोलंबकर ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए राहुल नार्वेकर को नए विधानसभा अध्यक्ष के रूप में घोषित किया.


विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया

हालांकि, विपक्ष इस पूरी प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं दिखा. शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इसे लोकतंत्र का अपमान बताते हुए चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष को सही तरीके से भाग लेने का मौका नहीं दिया गया. एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने भी इस चुनाव को औपचारिकता करार दिया.


राजनीतिक समीकरण और भविष्य की चुनौतियां

राहुल नार्वेकर का दोबारा निर्विरोध अध्यक्ष बनना सत्ता पक्ष के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है. हालांकि, उनके सामने विधानसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने और विपक्ष के आक्रामक रुख से निपटने की चुनौती होगी. विशेष सत्र ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को स्पष्ट कर दिया है, जहां सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया, जबकि विपक्ष के लिए चुनौतियां और बढ़ गई हैं. यह घटनाक्रम महाराष्ट्र की राजनीति में सत्ता के बदलते समीकरणों को और भी मजबूती से उभारता है.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK