Updated on: 19 May, 2025 03:08 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता मिलती है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे. फ़ाइल चित्र
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को नागरिकों से `मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना` के बारे में अफवाहों पर विश्वास न करने का आग्रह किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह कार्यक्रम कभी बंद नहीं होगा. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता मिलती है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "लड़की बहनों को अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए. लड़की बहन योजना को कभी खत्म नहीं किया जाएगा. यह जारी रहेगी, क्योंकि हमारी सरकार डबल इंजन वाली सरकार है, जो अपने वादे पूरे करती है और मुद्रण संबंधी गलतियाँ नहीं करती." विपक्ष पिछले साल के विधानसभा चुनावों से पहले किए गए वादे के अनुसार मासिक राशि को बढ़ाकर 2,100 रुपये न करने के लिए महायुति सरकार पर निशाना साध रहा है.
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रिपोर्ट के मुताबिक शिंदे ठाणे जिले के कल्याण और डोंबिवली क्षेत्रों के लिए विभिन्न पहलों का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे. उन्होंने कहा, "कल्याण डोंबिवलीवासियों का सपना है कि वे अपने शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाएं और स्वच्छता की इस अनूठी पहल के कारण स्वच्छता के माध्यम से कल्याण डोंबिवली की सूरत जरूर बदलेगी." कल्याण सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे और स्थानीय विधायक रवींद्र चव्हाण भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. उपमुख्यमंत्री शिंदे ने `ऑपरेशन सिंदूर` के बारे में भी बात की और इसे आतंकवाद से निर्णायक रूप से निपटने में भारत की सामरिक ताकत और देशभक्ति का प्रदर्शन बताया.
इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों से किसानों के उत्थान के लिए ठोस प्रयास करने का आग्रह किया है और जैविक तथा मशीनीकृत खेती की ओर रुख करने की आवश्यकता पर बल दिया है. रिपोर्ट के अनुसार शिंदे, जो ठाणे के संरक्षक मंत्री भी हैं, ने शुक्रवार को जिला स्तरीय खरीफ मौसम पूर्व समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. शिंदे के हवाले से एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, "किसानों को समूह, जैविक और मशीनीकृत खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और इन किसानों को योजनाओं का अधिकतम लाभ दिया जाना चाहिए."
उन्होंने विविध फसलों को बढ़ावा देने सहित बहुआयामी दृष्टिकोण का आह्वान किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि मानसून के मौसम से पहले जल निकायों पर काम पूरा हो जाए. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण बीज और उर्वरक उपलब्ध कराए जाने चाहिए और उन्हें मिट्टी की बनावट में सुधार के लिए आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, पीटीआई ने बताया. शिंदे ने कहा कि फल फसल बीमा योजना और मुख्यमंत्री की सतत कृषि योजना जैसी पहलों को व्यापक प्रचार की आवश्यकता है.
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