Updated on: 02 September, 2025 06:03 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
इस पर उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है. यह घोषणा जारंगे और वरिष्ठ मंत्रियों राधाकृष्ण विखे पाटिल, उदय सामंत, माणिकराव कोकाटे, जयकुमार गोरे और शिवेंद्र राजे भोसले के बीच बैठक के बाद हुई.
कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारंगे ने आज़ाद मैदान में शांतिपूर्वक इकट्ठा हुए हज़ारों समर्थकों का शुक्रिया अदा किया. फ़ाइल तस्वीर
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारंगे ने मंगलवार को अपनी जीत की घोषणा की, जब महाराष्ट्र सरकार की मराठा आरक्षण संबंधी कैबिनेट उप-समिति ने उनके अनिश्चितकालीन अनशन के पाँचवें दिन पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने सहित उनकी अधिकांश माँगें मान लीं. इस पर उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार यह घोषणा जारंगे और वरिष्ठ मंत्रियों राधाकृष्ण विखे पाटिल, उदय सामंत, माणिकराव कोकाटे, जयकुमार गोरे और शिवेंद्र राजे भोसले के बीच हुई बैठक के बाद हुई, जो मंगलवार को धरना स्थल पर पहुँचे थे. चर्चा के बाद, मराठा मोर्चा समिति को सरकार द्वारा प्रमुख माँगों को स्वीकार करने की पुष्टि करने वाले आधिकारिक दस्तावेज़ प्राप्त हुए. समिति के सदस्यों के अनुसार, समझौते को औपचारिक रूप देने के लिए तुरंत एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) भी जारी किया गया.
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रिपोर्ट के मुताबिक कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे जारंगे ने आज़ाद मैदान में शांतिपूर्वक एकत्र हुए हज़ारों समर्थकों का धन्यवाद किया और कहा कि उनकी एकता ने सरकार को कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया. मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल की अध्यक्षता वाली राज्य सरकार की कैबिनेट उप-समिति के साथ बैठक के बाद, जरांगे ने मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रदर्शनकारियों से कहा, "हम जीत गए हैं."
विखे पाटिल ने दोपहर में समिति के अन्य सदस्यों - शिवेंद्रसिंह भोसले, उदय सामंत, माणिकराव कोकाटे - के साथ साउथ मुंबई के आज़ाद मैदान में, जहाँ कार्यकर्ता अनशन पर बैठे थे, जरांगे से मुलाकात की और समिति द्वारा तैयार किए गए मसौदे पर उनके साथ चर्चा की. रिपोर्ट के अनुसार जरांगे ने कहा, "अगर महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण की माँगों पर सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी करती है, तो हम आज रात 9 बजे तक मुंबई से निकल जाएँगे."
उप-समिति ने हैदराबाद राजपत्र लागू करने की जरांगे की माँगों को स्वीकार कर लिया और कहा कि उचित जाँच के बाद कुनबी रिकॉर्ड वाले मराठों को जाति प्रमाण पत्र दिए जाएँगे. रिपोर्ट के मुताबिक जरांगे ने समिति के मसौदे के बिंदु अपने समर्थकों को पढ़कर सुनाए, जिसमें कहा गया था कि समिति ने हैदराबाद राजपत्र के कार्यान्वयन को स्वीकार कर लिया है और तुरंत एक जीआर जारी किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि सतारा गजट का कार्यान्वयन एक महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. पीटीआई के अनुसार, उन्होंने कहा कि समिति द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार, मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पहले दर्ज किए गए मामले सितंबर के अंत तक वापस ले लिए जाएँगे.उन्होंने यह भी निर्णय लिया कि अब तक विरोध प्रदर्शनों के दौरान जान गंवाने वालों के परिजनों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार एक सप्ताह के भीतर वित्तीय सहायता और सरकारी नौकरी दी जाएगी.
समिति ने जारांगे को बताया कि अब तक (मृतक प्रदर्शनकारियों के परिजनों को) 15 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है और बाकी राशि एक सप्ताह के भीतर दे दी जाएगी. विखे पाटिल ने कहा कि `ऋषि सोयारे` (रक्त संबंधी) अधिसूचना पर 8 लाख आपत्तियाँ प्राप्त हुई हैं और सरकार को उनकी जाँच के लिए समय चाहिए.
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