Updated on: 10 October, 2024 04:21 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
सम्मानित और प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की लेकिन इसके पीछे क्या वजह थी? इस सवाल का जवाब आज आपको यहां मिलेगा कि रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की.
रतन टाटा की तस्वीरों का एक कोलाज
विश्व प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार, 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया. रतन टाटा को कुछ दिन पहले उम्र संबंधी जटिलताओं के कारण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सम्मानित और प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा भारत समेत पूरी दुनिया में अपने परोपकारी कार्यों के लिए पहचाने जाते हैं. ये तो सभी जानते हैं कि रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की लेकिन इसके पीछे क्या वजह थी? इस सवाल का जवाब आज आपको यहां मिलेगा कि रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं की.
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आपको जानकर हैरानी होगी कि देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की थी. रतन टाटा ने खुद इस बात की जानकारी दी थी कि जब वह लॉस एंजिल्स में काम कर रहे थे तो उन्हें प्यार हो गया था. उन्होंने कहा कि वह तब शादी करने वाले थे. शादी न करने की वजह बताते हुए रतन टाटा ने कहा कि उस समय उनकी दादी की तबीयत खराब हो गई और उन्हें भारत वापस आना पड़ा. रतन टाटा को उम्मीद थी कि उनका प्यार भी भारत आएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. रतन टाटा ने कहा कि जब 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ तो लड़की के माता-पिता शादी के फैसले से सहमत नहीं हुए और उनका रिश्ता टूट गया.
रतन टाटा का जन्म 1937 में हुआ था. वह 1962 में टाटा समूह में शामिल हुए. 1991 में उन्हें टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया. रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा देश के सर्वोच्च सम्मान पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. यह सम्मान उन्हें राष्ट्र निर्माण में उनके अतुल्य योगदान के लिए दिया गया.
रतन ने मार्च 1991 से दिसंबर 2012 तक टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में टाटा समूह का नेतृत्व किया. विदेश में पढ़ाई करने के बाद रतन टाटा सबसे पहले टाटा उद्योग समूह में सहायक के रूप में शामिल हुए. इसके बाद उन्होंने कई महीनों तक टाटा के जमशेदपुर स्थित प्लांट में ट्रेनिंग ली. ट्रेनिंग पूरी होते ही रतन टाटा अपनी जिम्मेदारियां संभालने लगे. 2008 में, रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
गौरतलब है कि 1991 में रतन टाटा को ऑटो से लेकर टाटा स्टील तक के कारोबार से जुड़े टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया था. चेयरमैन बनने के बाद रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. उन्होंने 2012 तक उस समूह का नेतृत्व किया, जिसकी स्थापना उनके परदादा ने एक सदी पहले की थी. 1996 में टाटा ने टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) बाजार में सूचीबद्ध हुई.
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