तस्वीर/निमेश दवे
कोरा केंद्र मैदान में कम से कम 5,000 भक्तों ने पवित्र जल के फव्वारों में डुबकी लगाई, जो एक गहन आध्यात्मिक उत्सव का प्रतीक है.
महाशिवरात्रि, जिसे शिव की महान रात्रि के रूप में भी जाना जाता है, आध्यात्मिक विकास के लिए शुभ मानी जाती है और अंधकार और अज्ञानता पर विजय का प्रतीक है.
यह भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य विवाह का भी प्रतीक है.
हिंदू ग्रंथों के अनुसार, अपनी शादी की रात, भगवान शिव हिंदू देवी-देवताओं, जानवरों और राक्षसों के एक विविध समूह के साथ देवी पार्वती के घर पहुंचे.
शिव-शक्ति की जोड़ी को प्रेम, शक्ति और एकजुटता का प्रतीक माना जाता है.
उनके पवित्र मिलन का प्रतीक त्योहार, महा शिवरात्रि, पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है.
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