पुलिस के अनुसार, यह गिरोह फर्जी दस्तावेजों के जरिए लग्जरी कारों की खरीदारी करता था. वे अलग-अलग राज्यों के व्यापारियों के जीएसटी नंबर का दुरुपयोग कर बैंक और फाइनेंस कंपनियों से लोन लेते थे.
इसके लिए जाली पहचान पत्र, नकली रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाता था.
जब्त की गई गाड़ियों में बीएमडब्ल्यू, टोयोटा फॉर्च्यूनर और महिंद्रा स्कॉर्पियो जैसी हाई-एंड कारें शामिल हैं.
पुलिस का कहना है कि आरोपी इन गाड़ियों को बाजार मूल्य से आधी कीमत पर बेचकर भारी मुनाफा कमा रहे थे.
मुंबई क्राइम ब्रांच ने बताया कि यह गिरोह विभिन्न राज्यों में सक्रिय था. जांच के दौरान आरोपियों को मुंबई, दिल्ली, मध्य प्रदेश और अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया.
गिरोह के कुछ सदस्य कार लोन हासिल करने में माहिर थे, जबकि अन्य सदस्य इन वाहनों को बेचने और कागजी कार्रवाई को अंजाम देने का काम करते थे.
अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी जांच जारी है.
पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन फर्जीवाड़ों में और कितनी कारें बेची गई हैं और किन-किन कंपनियों को चूना लगाया गया है.
इस धोखाधड़ी मामले का खुलासा होते ही लग्जरी कार बाजार में हड़कंप मच गया है. पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या इस गिरोह ने अन्य बड़े शहरों में भी इसी तरह की धोखाधड़ी की है.
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