स्टोरी- Dharmik Parmar
कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा झंडा फहराने के साथ हुई, जिसके बाद विद्यार्थियों ने विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं.
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘स्वर्णिम भारत’ विषय पर आधारित प्रस्तुतियां रहीं, जिसमें छात्रों ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और तकनीकी प्रगति को बेहतरीन ढंग से प्रदर्शित किया.
छात्रों ने आयुर्वेद, योग, नालंदा विश्वविद्यालय और भारतीय संस्कृति की सुंदर झांकियां पेश कीं.
वे ऋषियों और साधुओं की वेशभूषा में दिखाई दिए, जिन्होंने भारत की प्राचीन गौरवशाली परंपराओं को प्रभावी ढंग से जीवंत किया.
पारंपरिक वेशभूषा में सजी लघु परेड ने दर्शकों को भारत के ऐतिहासिक गौरव की याद दिलाई.
स्कूल परिसर में बच्चों और अभिभावकों का जोश देखते ही बन रहा था. देशभक्ति के रंग में डूबे इस कार्यक्रम ने न केवल छात्रों की प्रतिभा को उजागर किया, बल्कि भारत की गौरवशाली विरासत को भी पुनर्जीवित किया.
शिक्षिका निपा निखिल मोदी ने इस अवसर पर कहा, "हमने विशेष रूप से नालंदा विश्वविद्यालय की महत्ता को प्रदर्शित किया है, क्योंकि यह हमारी समृद्ध शैक्षिक धरोहर का प्रतीक है. हमारा उद्देश्य भारत को ऐसा ज्ञान केंद्र बनाना है, जहां दुनिया भर के छात्र आकर्षित हों, न कि हमारे छात्र विदेशों का रुख करें."
कार्यक्रम में आधुनिक भारत की प्रगति को भी प्रदर्शित किया गया, जहां अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, आईटी और डिजिटल क्रांति जैसे विषयों पर आधारित मॉडल प्रस्तुत किए गए.
छात्रों ने विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में भारत की उन्नति को आकर्षक तरीकों से प्रस्तुत किया.
स्कूल परिसर में बच्चों और अभिभावकों का जोश देखते ही बन रहा था. देशभक्ति के रंग में डूबे इस कार्यक्रम ने न केवल छात्रों की प्रतिभा को उजागर किया, बल्कि भारत की गौरवशाली विरासत को भी पुनर्जीवित किया.
लोढ़ा फाउंडेशन द्वारा संचालित इस स्कूल में हर साल गणतंत्र दिवस को नए और रचनात्मक तरीके से मनाया जाता है, और इस वर्ष की प्रस्तुति ने एक नई मिसाल कायम की.
इस भव्य आयोजन के दौरान देशभक्ति के गीतों, नृत्य, रंगारंग झांकियों और प्रेरणादायक भाषणों के माध्यम से भारत की समृद्ध विरासत और विकास की अनूठी कहानी को उजागर किया गया.
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