इस दौरे को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा हो रही है, क्योंकि महाराष्ट्र के दूसरे उपमुख्यमंत्री अजित पवार, जो इसी समय मुंबई में थे, इस कार्यक्रम से नदारद रहे.
अमित शाह के मुंबई दौरे को न केवल धार्मिक बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. राज्य में भाजपा-शिवसेना और एनसीपी के गुटों के बीच चल रही सियासी खींचतान के बीच शाह का यह दौरा कई संभावित संकेत दे रहा है.
अजित पवार के इस कार्यक्रम में उपस्थित न होने से उनके और भाजपा के बीच संबंधों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
इसे कुछ लोग महाराष्ट्र की राजनीतिक समीकरणों में संभावित बदलाव के संकेत के रूप में देख रहे हैं.
लालबागचा राजा का गणेशोत्सव महाराष्ट्र में खास महत्व रखता है और कई प्रमुख राजनीतिक नेता हर साल इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं.
अमित शाह का इस धार्मिक स्थल पर जाना उनके राजनीतिक और धार्मिक एजेंडे को प्रदर्शित करता है.
इस दौरे ने बीजेपी की राज्य में मजबूती और अमित शाह की व्यक्तिगत भागीदारी को भी रेखांकित किया है.
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