विसर्जन आमतौर पर डेढ़ दिन बाद, पांचवें दिन और फिर सातवें दिन होता है, जबकि अंतिम विसर्जन अनंत चतुर्दशी (6 सितंबर) को किया जाएगा. (Pic/Nimesh Dave)
उत्सव इस वर्ष 27 अगस्त से शुरू हुआ था. इससे पहले शुक्रवार को डेढ़ दिन में 60,177 मूर्तियों का विसर्जन किया गया था, जिनमें 29,683 प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) और 30,494 पर्यावरण-अनुकूल मिट्टी से बनी थीं.
छह फीट तक की छोटी मूर्तियाँ कृत्रिम तालाबों में विसर्जित की गईं, जबकि ऊँची मूर्तियों को प्राकृतिक जलाशयों में विसर्जित नहीं करने की अनुमति थी.
इस साल बीएमसी ने प्राकृतिक जलाशयों पर दबाव कम करने के लिए शहरभर में 290 कृत्रिम झीलों का निर्माण किया,
जिनमें चौपाटी, समुद्र तट और विभिन्न तालाब शामिल हैं. नागरिकों को घर पर बाल्टी या ड्रम में छोटी पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियाँ विसर्जित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया.
पर्यावरणीय प्रभाव कम करने के लिए, नगर निगम ने अनिवार्य किया कि छह फीट से कम ऊँची पीओपी मूर्तियाँ केवल कृत्रिम तालाबों में ही विसर्जित हों.
बीएमसी ने 1,022 मूर्ति निर्माताओं को पंडाल निर्माण के लिए मुफ़्त ज़मीन उपलब्ध कराई और 990 मीट्रिक टन मिट्टी, 10,800 लीटर पर्यावरण-अनुकूल रंग तथा 3,000 लीटर प्राइमर वितरित किए, ताकि पर्यावरण-अनुकूल गणपति पहल को बढ़ावा मिले.
सुरक्षा को लेकर बीएमसी ने जुलूस में भाग लेने वाले भक्तों के लिए निर्देश जारी किए हैं.
मध्य और पश्चिमी रेलवे लाइनों पर 12 पुलों को खतरनाक या मरम्मत के अधीन बताया गया है, जिनमें करी रोड और आर्थर रोड फ्लाईओवर, सैंडहर्स्ट रोड रेलवे फ्लाईओवर, फ्रेंच ब्रिज और दादर में लोकमान्य तिलक ब्रिज शामिल हैं.
भक्तों को सलाह दी गई है कि वे बिना रुके इन पुलों को पार करें, भीड़भाड़ से बचें और बीएमसी एवं मुंबई पुलिस के निर्देशों का पालन करें.
विसर्जन के और भी दिन शेष हैं, इसलिए नागरिक और पुलिस अधिकारी मिलकर सुचारू, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल गणेशोत्सव सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं.
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