होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > फोटो > नालासोपारा में अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर, 34 इमारतों में से 1 ढही, बेघर हुए 28 परिवार
नालासोपारा में अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर, 34 इमारतों में से 1 ढही, बेघर हुए 28 परिवार
Share :
Building Demolition in Nalasopara: नालासोपारा पूर्व के अग्रवाल नगरी क्षेत्र में गुरुवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में 41 अनधिकृत बिल्डिंग में से एक इमारत को तोड़ दिया गया. यह कार्रवाई बची हुई 34 इमारतों में से एक पर की गई. देखें इससे जुड़ी तस्वीरें- (Story By: Diwakar Sharma, Pics/Hanif Patel)
Updated on : 24 January, 2025 08:39 IST | Ujwala Dharpawar
Share:
ओम तुलसी अपार्टमेंट नाम की इस इमारत के ध्वस्त होने के बाद 28 परिवार बेघर हो गए. इन विस्थापित परिवारों को कोई पुनर्वास की सुविधा नहीं दी गई, जिसके कारण वे सड़क पर रहने को मजबूर हो गए.
Share:
विस्थापित परिवारों का सामान इलाके के फुटपाथ और सड़कों के किनारे बिखरा हुआ पड़ा है. महिलाएं और लड़कियां रात में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं क्योंकि यह इलाका अक्सर नशेड़ियों का अड्डा बना रहता है.
Share:
विस्थापित निवासियों का कहना है कि उन्होंने अपने सपनों का घर खरीदने के लिए वर्षों तक मेहनत कर एक-एक पैसा जोड़ा था. वे इस बात से आहत हैं कि जिन अधिकारियों को वे नियमित रूप से घर का कर देते थे,
Share:
उन्होंने उनके घरों को अवैध बताकर तोड़ दिया. अब वे न सिर्फ बेघर हैं बल्कि भविष्य को लेकर भी अनिश्चितता में हैं.
Share:
इन परिवारों के स्कूली बच्चों के लिए स्थिति और भी चिंताजनक है. वे अपने घर और भविष्य के साथ-साथ चल रही परीक्षाओं को लेकर परेशान हैं. बच्चों का पढ़ाई का माहौल पूरी तरह से छिन गया है.
Share:
यह पूरा इलाका डंपिंग ग्राउंड और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए आरक्षित 60 एकड़ के भूखंड पर बनाया गया था. इसमें 30 एकड़ सरकारी भूमि और 30 एकड़ निजी भूखंड शामिल था.
Share:
स्थानीय भू-माफिया ने इस भूमि पर कब्जा कर 41 अनधिकृत इमारतें खड़ी कर दी थीं. यह जमीन महाराष्ट्र नगर एवं औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडको) के नियंत्रण में थी.
Share:
इस कार्रवाई में प्रशासन की बेरुखी और संवेदनहीनता सामने आई है. बिना किसी पुनर्वास के 28 परिवारों को बेघर कर दिया गया. ये लोग अब खुले आसमान के नीचे, अपने सामान के साथ फुटपाथ पर जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं.
Share:
यह कार्रवाई जहां सरकारी अमले के दृढ़ संकल्प को दिखाती है, वहीं दूसरी ओर, आम नागरिकों के प्रति उनकी संवेदनहीनता और भू-माफिया के खिलाफ ठोस कार्रवाई की कमी को उजागर करती है.
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience
and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree
to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK