इस कार्यक्रम में कई जोड़े एक साधारण लेकिन भावनात्मक और सम्मानजनक समारोह में विवाह के बंधन में बंधे. (Pics/Ashish Raje)
जश्न-ए-शाह सकलैन न केवल एक विवाह समारोह है, बल्कि यह एक सामाजिक पहल भी है, जो उन परिवारों की सहायता करता है जो विवाह के भारी खर्च को उठाने में असमर्थ होते हैं.
इस आयोजन ने वर्षों से सैकड़ों जोड़ों को विवाह के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए हैं.
यह आयोजन सूफी विद्वान और आध्यात्मिक नेता सूफी शेख शाह मोहम्मद सकलैन मियाँ हुजूर को श्रद्धांजलि स्वरूप भी आयोजित किया जाता है.
शाह सकलैन फाउंडेशन इस पहल का संचालन करता है, और इसके माध्यम से हर साल अनेक परिवारों को राहत मिलती है.
समारोह के दौरान पारंपरिक रीति-रिवाजों को निभाया गया, जिसमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, प्रार्थनाएँ और सामूहिक भोज भी शामिल थे.
इस भव्य अवसर पर स्थानीय नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, धार्मिक प्रमुख और सामुदायिक हस्तियां भी उपस्थित रहीं, जिन्होंने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद और शुभकामनाएँ दीं.
इस वर्ष के आयोजन में शामिल हुए परिवारों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल आर्थिक मदद प्रदान करता है, बल्कि समाज में सामूहिक विवाह की संस्कृति को बढ़ावा देता है, जिससे दिखावे और अनावश्यक खर्च से बचा जा सकता है.
जश्न-ए-शाह सकलैन अब मुंबई में एक प्रतिष्ठित आयोजन बन गया है, जिसे हर साल बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है.
यह न केवल विवाह की पवित्रता को बनाए रखने का एक मंच है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को एकजुट करने और सहायता प्रदान करने का एक माध्यम भी है.
इस पहल के कारण, सैकड़ों जोड़े बिना किसी वित्तीय बोझ के अपने वैवाहिक जीवन की नई शुरुआत कर पाए हैं.
आने वाले वर्षों में, यह आयोजन और अधिक लोगों को जोड़ने और सहायता प्रदान करने की दिशा में बढ़ रहा है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक अभियान बनता जा रहा है.
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