इस बैठक के दौरान दोनों देशों के नेता भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी और विज़न 2035 रोडमैप के तहत प्रगति की समीक्षा करेंगे. (PICS/ ASHISH RAJE)
शिखर सम्मेलन के एजेंडे में व्यापार, नवाचार, रक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं. यह पहल दोनों देशों के बीच साझेदारी को और मजबूत करने का उद्देश्य रखती है और रणनीतिक सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का अवसर प्रदान करती है.
प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित सीईओ फोरम में भी हिस्सा लेंगे.
इस फोरम का मुख्य उद्देश्य फिनटेक में भारत के उभरते नेतृत्व और वैश्विक वित्तीय संबंधों को गहरा करना है. विशेषज्ञों और उद्योग नेताओं की भागीदारी से यह आयोजन निवेश और नवाचार के अवसरों पर ध्यान केंद्रित करेगा.
अपने दो दिवसीय महाराष्ट्र दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे. 8 अक्टूबर को वह नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनएमआईए) का उद्घाटन करेंगे, जो महाराष्ट्र में यातायात और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विकास माना जा रहा है.
इस दौरे और शिखर सम्मेलन के आयोजन से भारत-यूके संबंधों में नई ऊर्जा आने की संभावना है.
दोनों नेता आर्थिक सहयोग, तकनीकी नवाचार और सामरिक साझेदारी के क्षेत्रों में विचार-विमर्श करेंगे, जो आने वाले वर्षों में दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगा.
शिखर सम्मेलन और परियोजनाओं के उद्घाटन के माध्यम से मुंबई और महाराष्ट्र में वैश्विक स्तर पर आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं.
कुल मिलाकर, यह शिखर सम्मेलन और प्रधानमंत्री मोदी का दौरा भारत-यूके संबंधों को मजबूत करने और महाराष्ट्र के बुनियादी ढाँचा व वैश्विक निवेश आकर्षण को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित होगा.
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