इससे न केवल खुद उनकी जान को खतरा था, बल्कि आसपास मौजूद लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गए. (Pics: ASHISH RAJE)
इस स्थिति को देखते हुए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और उसके अग्निशमन विभाग ने एक बार फिर नागरिकों से अपील की है कि वे दिवाली को जिम्मेदारी और सुरक्षित तरीके से मनाएँ.
विभाग ने एक सार्वजनिक परामर्श जारी करते हुए कहा कि पटाखों के अत्यधिक इस्तेमाल से वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है, जिससे बुजुर्गों, बच्चों और पालतू जानवरों को परेशानी होती है.
अग्निशमन विभाग ने मुंबईवासियों से कहा है कि पटाखे चलाते समय सावधानी बरतें और पास में पानी की बाल्टी या अग्निशामक साधन रखें.
उन्होंने सुझाव दिया कि लोग सूती कपड़े पहनें और लाइटर या मोमबत्ती जैसी खुली लपटों से पटाखे जलाने से बचें.
इसके साथ ही यह भी कहा गया कि बच्चों को अकेले पटाखे नहीं चलाने चाहिए और हर समय किसी वयस्क की निगरानी में रहना चाहिए.
बीएमसी ने नागरिकों से अपील की है कि दिवाली का यह पर्व सिर्फ रोशनी और खुशी फैलाने का प्रतीक बने — ऐसा उत्सव नहीं जो किसी के लिए खतरा या प्रदूषण लेकर आए.
प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक जगहों पर लापरवाही से पटाखे फोड़ते पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
नगर निगम और अग्निशमन विभाग की यह अपील मुंबईवासियों के लिए यादगार और सुरक्षित दिवाली सुनिश्चित करने के लिए कहा था.
उन्होंने जोर देकर कहा कि पर्यावरण के अनुकूल तरीके से पटाखे जलाना, सुरक्षित दूरी बनाए रखना और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सभी का कर्तव्य है.
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