यह दिन मुस्लिम समुदाय के लिए केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि आपसी भाईचारे, मोहब्बत और इंसानियत के जश्न का प्रतीक बनकर सामने आया. (Pics/Ashish Raje)
नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर `ईद मुबारक` कहा और मिठास बांटी.
मुस्लिम भाइयों ने पुलिसकर्मियों को गले लगाकर ईद की बधाई दी, वहीं पुलिसकर्मियों ने भी मुस्कान के साथ उन्हें शुभकामनाएं दीं.
खास बात यह रही कि एक महिला पुलिस अधिकारी ने नमाज अदा करने के बाद बाहर निकलते लोगों को गुलाब का फूल भेंट कर ईद की मुबारकबाद दी.
यह भावुक क्षण वहां मौजूद सभी लोगों के दिलों को छू गया.
फूलों के साथ बांटी गई यह मुहब्बत न केवल सुरक्षा और कर्तव्य का प्रतीक थी, बल्कि आपसी सम्मान और सौहार्द की मिसाल भी थी.
मस्जिद के बाहर तैनात अन्य पुलिस अधिकारी भी इस खुशी के मौके पर लोगों से गर्मजोशी से मिले और हर एक को `ईद मुबारक` कहा.
इस दृश्य ने यह स्पष्ट कर दिया कि मुंबई जैसे विविधताओं से भरे शहर में धर्म, जाति या वर्ग की दीवारें आपसी प्रेम और समझ के आगे मायने नहीं रखतीं.
ईद-उल-फितर के इस पर्व ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि भारत की खूबसूरती उसकी विविधता में है.
जब हर धर्म, हर संस्कृति एक-दूसरे के त्योहारों में शरीक होती है, तो वह केवल उत्सव नहीं रह जाता, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता का सशक्त प्रतीक बन जाता है.
मुंबई की यह ईद सिर्फ चाँद देखने की खुशी नहीं थी, बल्कि दिलों में उजाला फैलाने का दिन थी, जहां हर मुस्कान में एकता झलक रही थी और हर गले में मोहब्बत की गर्मी थी.
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