पश्चिम रेलवे ने पहले ही घोषणा की थी कि 11, 12 और 13 अप्रैल की रातों को इस काम के लिए मेगा ब्लॉक लागू किया जाएगा. ब्लॉक की अवधि रात 11 बजे से सुबह 8:30 बजे तक निर्धारित की गई थी. (PICS: Satej Shinde)
इन घंटों में लगभग 334 लोकल ट्रेनें रद्द की गई हैं, जबकि कुछ एक्सप्रेस और शॉर्ट-टर्मिनेटेड ट्रेनों पर भी इसका असर पड़ा है.
रेलवे ने दावा किया है कि यह काम बेहद जरूरी था और इसमें देरी यात्रियों की सुरक्षा पर प्रभाव डाल सकती थी. हालांकि, इस निर्णय से यात्रियों को काफी दिक्कत हुई है. विशेष रूप से बांद्रा क्षेत्र में ट्रेन सेवाओं में हुई देरी और रद्दीकरण से लोगों को वैकल्पिक यातायात साधन खोजने पर मजबूर होना पड़ा.
यात्रियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कीं और रेलवे अधिकारियों से सवाल पूछे कि इस महत्वपूर्ण काम के लिए सप्ताहांत के बजाय अन्य समय क्यों नहीं चुना गया.
मुंबई उत्तर मध्य की सांसद वर्षा गायकवाड़ ने भी इस ब्लॉक के समय पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती के अवसर पर लाखों लोग चैत्यभूमि पर आते हैं.
ऐसे महत्वपूर्ण समय पर मेगा ब्लॉक की योजना बनाना अनुयायियों के लिए असुविधाजनक है.
गायकवाड़ ने इस ब्लॉक को स्थगित करने की मांग की और रेलवे अधिकारियों से इसे किसी अन्य तारीख पर शिफ्ट करने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी कहा कि इस काम की समय-सारणी तय करने से पहले रेलवे को स्थानीय परिस्थितियों और विशेष अवसरों का ध्यान रखना चाहिए था.
गायकवाड़ ने इस ब्लॉक को स्थगित करने की मांग की और रेलवे अधिकारियों से इसे किसी अन्य तारीख पर शिफ्ट करने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी कहा कि इस काम की समय-सारणी तय करने से पहले रेलवे को स्थानीय परिस्थितियों और विशेष अवसरों का ध्यान रखना चाहिए था.
रेलवे अधिकारियों ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि इस काम को ज्यादा समय तक टालना संभव नहीं था, क्योंकि पुल की हालत सुधारने के लिए इसे तुरंत करना जरूरी था.
हालांकि, उन्होंने यात्रियों को हो रही असुविधा के लिए खेद जताया और आश्वासन दिया कि 14 अप्रैल तक स्थिति सामान्य हो जाएगी. इसके अलावा, रेलवे ने कहा है कि काम के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई और निर्माण के सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया है.
यात्रियों का कहना है कि मेगा ब्लॉक के चलते उनकी दिनचर्या में व्यवधान आया है और उन्हें अपने कार्यस्थल या अन्य स्थानों तक पहुंचने में अधिक समय और पैसा खर्च करना पड़ रहा है. कुछ लोगों ने शिकायत की कि इस ब्लॉक की सूचना समय पर नहीं मिली, जिससे वे अपनी यात्रा योजनाओं को समायोजित करने में असमर्थ रहे. वहीं कुछ ने रेलवे की इस पहल को सकारात्मक रूप में लिया और कहा कि लंबे समय में इस काम से यात्रियों को बेहतर सेवा मिलेगी.
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