Updated on: 14 April, 2025 12:16 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को डॉ. बीआर अंबेडकर को उनकी 135वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की.
X/Pics, Rahul Gandhi
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी 135वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि बाबासाहेब का जीवन और उनका संघर्ष आज भी संविधान की रक्षा और हर भारतीय के अधिकारों के लिए लड़ाई में एक मार्गदर्शक शक्ति है.
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राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि. देश के लोकतंत्र को मजबूत करने, हर भारतीय के समान अधिकार, हर वर्ग की भागीदारी के लिए उनका संघर्ष और योगदान संविधान की रक्षा की लड़ाई में हमेशा हमारा मार्गदर्शन करेगा."
भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी को उनकी जयंती पर सादर नमन।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 14, 2025
देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए, हर भारतीय के समान अधिकारों के लिए, हर वर्ग की हिस्सेदारी के लिए उनका संघर्ष और योगदान, संविधान की रक्षा की लड़ाई में हमेशा हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा। pic.twitter.com/CZMHwIRzDP
डॉ. अंबेडकर, जिन्हें `बाबासाहेब` के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे. स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय न्याय व्यवस्था की नींव रखी. वे एक दूरदर्शी विचारक, समाज सुधारक और दलित अधिकारों के पुरोधा थे, जिनका उद्देश्य था – एक ऐसा समाज बनाना जहां जाति, धर्म, लिंग या वर्ग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव न हो.
मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को एक दलित महार परिवार में जन्मे डॉ. अंबेडकर ने ग़रीबी और जातीय भेदभाव के बावजूद उच्च शिक्षा हासिल की. उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से डिग्री प्राप्त की. उनके जीवन का मुख्य ध्येय समाज के वंचित वर्गों को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बराबरी दिलाना था.
बाबासाहेब ने न केवल कानून और संविधान के क्षेत्र में योगदान दिया, बल्कि उन्होंने भारत में सामाजिक चेतना की एक नई धारा भी शुरू की. दलित समुदाय के अधिकारों के लिए उनका संघर्ष आज भी प्रेरणा का स्रोत है.
राहुल गांधी के इस श्रद्धांजलि संदेश में यह स्पष्ट झलकता है कि कांग्रेस पार्टी आज भी अंबेडकर की विचारधारा को अपनी राजनीति का एक अहम स्तंभ मानती है. बाबासाहेब की सोच और उनके सिद्धांत वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों में और भी प्रासंगिक हो गए हैं.
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