रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह व्यवधान निर्माणाधीन कार्नेक ब्रिज के गर्डर लॉन्चिंग कार्य के कारण हुआ. (Pics: Satej Shinde)
रेलवे प्रशासन ने शनिवार रात 11:30 बजे से रविवार सुबह 5:30 बजे तक छह घंटे का मेगा ब्लॉक घोषित किया था, जिसे तकनीकी कारणों से बढ़ाना पड़ा.
इस वजह से लंबी दूरी की 11 ट्रेनों के प्रस्थान समय में बदलाव किया गया, जबकि 9 ट्रेनों को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा.
यात्रियों को हुई इस असुविधा के बीच एक मजदूर के घायल होने की भी खबर है. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि घायल मजदूर को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा देकर अस्पताल भेजा गया.
ब्लॉक के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से बायकुला और वडाला स्टेशनों के बीच लोकल ट्रेन सेवाएं पूरी तरह से बंद रहीं.
हालांकि, यात्रियों की सुविधा के लिए बायकुला-दादर और वडाला रोड के बीच कुछ सेवाएं चालू रखी गईं.
फिर भी, दादर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिली, क्योंकि लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या कम थी, जिससे लोगों को अपनी अगली ट्रेन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा.
यात्रियों की सुविधा के लिए सेंट्रल रेलवे ने सीएसएमटी, दादर, बायकुला और वडाला स्टेशनों पर वैकल्पिक रूप से बसों की व्यवस्था की थी.
ब्लॉक के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से बायकुला और वडाला स्टेशनों के बीच लोकल ट्रेन सेवाएं पूरी तरह से बंद रहीं. हालांकि, यात्रियों की सुविधा के लिए बायकुला-दादर और वडाला रोड के बीच कुछ सेवाएं चालू रखी गईं.
फिर भी, दादर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिली, क्योंकि लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या कम थी, जिससे लोगों को अपनी अगली ट्रेन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा.
यात्रियों की सुविधा के लिए सेंट्रल रेलवे ने सीएसएमटी, दादर, बायकुला और वडाला स्टेशनों पर वैकल्पिक रूप से बसों की व्यवस्था की थी. हालांकि, सुबह की शिफ्ट में काम पर जाने वाले यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
सेंट्रल रेलवे प्रतिदिन करीब 1,800 लोकल ट्रेन सेवाएं संचालित करता है, जिनसे लगभग 37 लाख यात्री यात्रा करते हैं. इस मेगा ब्लॉक ने यात्रियों की दिनचर्या को प्रभावित किया और कई लोगों को अपनी योजनाएं बदलनी पड़ीं.
रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से सहयोग की अपील करते हुए आश्वासन दिया कि जल्द ही सेवाएं सामान्य हो जाएंगी. इस तरह की अचानक रुकावटों के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, और उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में रेलवे प्रशासन ऐसे कार्यों की योजना पहले से तैयार करके अधिक कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करेगा.
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