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किश्तवाड़ में बादल फटने से 46 लोगों की मौत, बचाव दल ने की बचे लोगों की तलाश तेज

Updated on: 15 August, 2025 04:34 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा तैनात कई अर्थमूविंग मशीनें बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से विशाल पत्थरों, उखड़े पेड़ों और गिरे हुए बिजली के खंभों को हटाने के प्रयासों में शामिल हैं.

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद घायलों को एम्बुलेंस में ले जाया जा रहा है. (फोटो: पीटीआई)

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद घायलों को एम्बुलेंस में ले जाया जा रहा है. (फोटो: पीटीआई)

भारी बारिश के बावजूद, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के बादल फटने से प्रभावित गाँव में मलबे और कीचड़ में फंसे जीवित लोगों की तलाश के लिए रात भर रोके गए बचाव और राहत अभियान शुक्रवार तड़के फिर से शुरू हो गए. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा तैनात कई अर्थमूविंग मशीनें बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से विशाल पत्थरों, उखड़े हुए पेड़ों और गिरे हुए बिजली के खंभों को हटाने के प्रयासों में शामिल हो गई हैं. गाँव चोसिटी में गुरुवार दोपहर करीब 12:25 बजे यह आपदा आई, जिसमें दो सीआईएसएफ कर्मियों सहित 46 लोगों की मौत हो गई. शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन यात्रा स्थगित रही. अब तक 167 लोगों को घायल अवस्था में बचाया गया है, जबकि उनके रिश्तेदारों ने 69 लोगों के लापता होने की सूचना दी है. 

रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ के कारण एक अस्थायी बाज़ार, यात्रा के लिए एक लंगर स्थल और एक सुरक्षा चौकी के ध्वस्त हो जाने के बाद कई और लोगों के फंसे होने की आशंका है. अधिकारियों ने बताया कि चोसिटी और निचले इलाकों में अचानक आई बाढ़ में कम से कम 16 आवासीय घर और सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पनचक्की, एक 30 मीटर लंबा पुल और एक दर्जन से ज़्यादा वाहन क्षतिग्रस्त हो गए.


गुरुवार देर रात रुका हुआ बचाव और राहत अभियान, लगातार बारिश के बावजूद, सुबह होते ही फिर से शुरू हो गया. पुलिस, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान और स्थानीय स्वयंसेवक मलबे में जीवित बचे लोगों की सावधानीपूर्वक तलाश कर रहे थे. रिपोर्ट के अनुसार वीडियो में कीचड़ भरे पानी, गाद और मलबे की धारें खड़ी ढलानों से नीचे गिरती हुई दिखाई दे रही हैं, जो अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को नष्ट कर रही हैं. घर ढह गए, पत्थर सड़कों पर गिर गए जिससे पहुँच अवरुद्ध हो गई, और भूस्खलन ने कभी हरे-भरे रहे भूभाग को एक भयावह भूरे-धूसर रंग में बदल दिया.


उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा, किश्तवाड़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नरेश सिंह के साथ, बहु-एजेंसी अभियान की निगरानी के लिए मौके पर तैनात हैं. गुरुवार को मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती रही और अधिकारियों को आशंका है कि बचाव कार्य जारी रहने के कारण यह संख्या और बढ़ सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गाँव में अचानक आई बाढ़ के कहर के नौ दिन बाद ही हिमालय की नाज़ुक ढलानों पर आपदा आ गई. हालाँकि केवल एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, 68 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं.


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