Updated on: 15 August, 2025 08:33 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अधिकारी ने बताया कि आठ से नौ लोगों के फंसे होने की आशंका है. यह स्मारक 16वीं शताब्दी के मध्य का एक मकबरा है जहाँ अक्सर पर्यटक आते हैं.
फ़ाइल तस्वीर
दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में स्थित हुमायूँ के मकबरे का एक हिस्सा शुक्रवार को ढह गया. अधिकारियों का कहना है कि आठ से नौ लोगों के फंसे होने की आशंका है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने बताया कि शाम करीब साढ़े चार बजे मकबरे के एक हिस्से के गिरने की सूचना मिली. अधिकारी ने बताया कि आठ से नौ लोगों के फंसे होने की आशंका है और दमकल की पाँच गाड़ियाँ मौके पर भेजी गई हैं. यह स्मारक 16वीं शताब्दी के मध्य का एक मकबरा है जहाँ अक्सर पर्यटक आते हैं.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के बादल फटने से प्रभावित गाँव में मलबे और कीचड़ में फंसे जीवित लोगों की तलाश के लिए रात भर रोके गए बचाव और राहत अभियान शुक्रवार तड़के फिर से शुरू हो गए. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा तैनात कई अर्थमूविंग मशीनें बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से विशाल पत्थरों, उखड़े हुए पेड़ों और गिरे हुए बिजली के खंभों को हटाने के प्रयासों में शामिल हो गई हैं. गाँव चोसिटी में गुरुवार दोपहर करीब 12:25 बजे यह आपदा आई, जिसमें दो सीआईएसएफ कर्मियों सहित 46 लोगों की मौत हो गई. शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन यात्रा स्थगित रही. अब तक 167 लोगों को घायल अवस्था में बचाया गया है, जबकि उनके रिश्तेदारों ने 69 लोगों के लापता होने की सूचना दी है.
गुरुवार देर रात रुका हुआ बचाव और राहत अभियान, लगातार बारिश के बावजूद, सुबह होते ही फिर से शुरू हो गया. पुलिस, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान और स्थानीय स्वयंसेवक मलबे में जीवित बचे लोगों की सावधानीपूर्वक तलाश कर रहे थे. रिपोर्ट के अनुसार वीडियो में कीचड़ भरे पानी, गाद और मलबे की धारें खड़ी ढलानों से नीचे गिरती हुई दिखाई दे रही हैं, जो अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को नष्ट कर रही हैं. घर ढह गए, पत्थर सड़कों पर गिर गए जिससे पहुँच अवरुद्ध हो गई, और भूस्खलन ने कभी हरे-भरे रहे भूभाग को एक भयावह भूरे-धूसर रंग में बदल दिया.
उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा, किश्तवाड़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नरेश सिंह के साथ, बहु-एजेंसी अभियान की निगरानी के लिए मौके पर तैनात हैं. गुरुवार को मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती रही और अधिकारियों को आशंका है कि बचाव कार्य जारी रहने के कारण यह संख्या और बढ़ सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गाँव में अचानक आई बाढ़ के कहर के नौ दिन बाद ही हिमालय की नाज़ुक ढलानों पर आपदा आ गई. हालाँकि केवल एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, 68 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT