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कांटे की टक्कर के बीच महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में महायुति के सभी उम्मीदवार जीते

Updated on: 12 July, 2024 09:53 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

महागठबंधन के साथ-साथ निर्दलीय विधायकों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सबको साथ लेकर चलने वाले व्यापक नेतृत्व पर भरोसा जताया है.

विधान परिषद चुनाव में महायुति से शिवसेना की भावना गवली (24 वोट) और कृपाल तुमाने (25 वोट) ने जीत हासिल की.

विधान परिषद चुनाव में महायुति से शिवसेना की भावना गवली (24 वोट) और कृपाल तुमाने (25 वोट) ने जीत हासिल की.

Maharashtra MLC Election Results: राज्य की चर्चित विधान परिषद की 11 सीटों के लिए आज हुए चुनाव में सर्वा के सभी 9 उम्मीदवार निर्वाचित हो गये. इस चुनाव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व और रणनीति पर मुहर लगा दी. इस चुनाव में महागठबंधन का डंका बज चुका है.

विधान परिषद चुनाव में महायुति से शिवसेना की भावना गवली (24 वोट) और कृपाल तुमाने (25 वोट) ने जीत हासिल की. शिवसेना के पास 46 वोट थे. इसमें से 3 वोट ज्यादा शिवसेना उम्मीदवारों को मिले. शिवसेना विधायकों ने अपनी एकता दिखाई और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में आस्था जताई. वहीं तीन अतिरिक्त विधायकों ने भी मुख्यमंत्री के नेतृत्व का समर्थन किया.


बीजेपी के योगेश टिलेकर, पंकजा मुंडे, अमित गोरखे, परिणय फुके और महागठबंधन के सदाभाऊ खोत को 26-26 वोट मिले. एनसीपी से राजेश व्हाइटकर को 23 और शिवाजीराव गरजे को 24 वोट मिले. एनसीपी को 42 वोट मिले थे. उन्हें 5 अतिरिक्त वोट मिले.


कांग्रेस के पास 32 वोट थे. उनमें से 25 प्रज्ञा सातव को मिले. आशंका है कि कांग्रेस के 7 वोटों में से पहली पसंद बंट गई है और इससे महाविकास अघाड़ी की विफलता सामने आ गई है. एनसीपी शरद पवार गुट ने शेकाप के उम्मीदवार जयंत पाटिल को उम्मीदवार बनाया था. उभाटा ग्रुप से मिलिंद नार्वेकर को उम्मीदवार बनाया गया था. नार्वेकर 23 वोटों से जीते जबकि जयंत पाटिल हार गए. दिलचस्प बात यह है कि उबाथा के नार्वेकर दूसरे पैनल के वोटों से चुने गए हैं. उन्हें जीत का इंतजार करना चाहिए.

लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी ने फर्जी कहानी से मतदाताओं को गुमराह किया था. विधान परिषद के फैसले के बाद मविया की अस्थायी सूजन कम हो गई है. महागठबंधन के साथ-साथ निर्दलीय विधायकों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सबको साथ लेकर चलने वाले व्यापक नेतृत्व पर भरोसा जताया है. विधान परिषद चुनाव में मुख्यमंत्री की राजनीतिक रणनीति सफल रही और अतिरिक्त वोटों से महागठबंधन प्रत्याशी की जीत हुई.


 

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