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‘2021 में शुरू किया था… अब बनकर तैयार है’– गोराई पार्क पर बोले आदित्य ठाकरे

Updated on: 03 June, 2025 12:46 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

गोराई में 8 हेक्टेयर में विकसित मैंग्रोव पार्क अब बनकर तैयार हो गया है और जल्द ही जनता के लिए खोला जाएगा. यह परियोजना 2021 में शिवसेना (यूबीटी) नेता और विधायक आदित्य ठाकरे की पहल पर शुरू की गई थी.

X/Pics, Aaditya Thackeray

X/Pics, Aaditya Thackeray

मुंबई उपनगरीय जिले के बोरीवली स्थित गोराई क्षेत्र में 8 हेक्टेयर भूमि पर विकसित किया गया मैंग्रोव संरक्षण केंद्र और मैंग्रोव पार्क अब बनकर तैयार हो चुका है और जल्द ही जनता के लिए खोल दिया जाएगा. यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है, जिसका उद्देश्य मैंग्रोव वनों की सुरक्षा, संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना है.

इस परियोजना की शुरुआत अक्टूबर 2021 में की गई थी, जब आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र सरकार में पर्यावरण और पर्यटन मंत्री के पद पर कार्यरत थे. उस समय मुंबई मैंग्रोव संरक्षण इकाई (MMC Unit) द्वारा इस पार्क की योजना बनाई गई थी, जिसका उद्देश्य समाज के विभिन्न हितधारकों—जैसे विद्यार्थी, पर्यावरण प्रेमी और स्थानीय नागरिकों—को मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ना और उन्हें इसके महत्व के प्रति जागरूक करना था.


 



 

अब जब यह परियोजना पूरी हो चुकी है, तो शिवसेना (यूबीटी) नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट शेयर करते हुए अपनी खुशी व्यक्त की. उन्होंने लिखा, "यह सुनकर खुशी हुई कि गोराई का यह मैंग्रोव पार्क, जिस पर हमने अक्टूबर 2021 में काम शुरू किया था, जल्द ही सभी के लिए खुलेगा."

ठाकरे ने आगे कहा कि यह प्रोजेक्ट मालाबार हिल में ट्री टॉप वॉक और मरोल में शहरी वन जैसी उन परियोजनाओं की तरह है, जिन्हें उन्होंने एमवीए सरकार के दौरान शुरू किया था. उन्होंने लिखा, "यह देखकर खुशी हुई कि ये सभी योजनाएं, जिन्हें मैंने पर्यावरण मंत्री रहते हुए शुरू किया था, अब आकार ले रही हैं और जल्द ही नागरिकों के लिए उपलब्ध होंगी."

मैंग्रोव पार्क में व्याख्यान कक्ष, वॉकिंग ट्रेल्स, साइन बोर्ड्स, और इको-शिक्षा से जुड़ी सुविधाएं होंगी. इसका उद्देश्य न केवल लोगों को प्रकृति से जोड़ना है, बल्कि उन्हें यह भी समझाना है कि मैंग्रोव वन जलवायु परिवर्तन से निपटने, समुद्र के कटाव को रोकने और जैव विविधता बनाए रखने में कितनी अहम भूमिका निभाते हैं.

गोराई का यह पार्क न सिर्फ मुंबईवासियों के लिए एक नया इको-टूरिज्म डेस्टिनेशन होगा, बल्कि पर्यावरण शिक्षा और जागरूकता के क्षेत्र में एक मिसाल भी पेश करेगा.

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