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सिंधु जल संधि पर भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करेंगे अमित शाह

Updated on: 26 April, 2025 06:05 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

उन्होंने बताया कि बैठक में भविष्य की कार्रवाई और संधि को स्थगित रखने के फैसले को कैसे लागू किया जाए, इस पर चर्चा होने की उम्मीद है.

चेनाब नदी पर बनी बगलिहार जलविद्युत परियोजना. तस्वीर/एएनआई

चेनाब नदी पर बनी बगलिहार जलविद्युत परियोजना. तस्वीर/एएनआई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि पर भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. सूत्रों ने बताया कि बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल और कई मंत्रालयों के अधिकारी हिस्सा लेंगे. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने बताया कि बैठक में भविष्य की कार्रवाई और संधि को स्थगित रखने के फैसले को कैसे लागू किया जाए, इस पर चर्चा होने की उम्मीद है. 

रिपोर्ट के मुताबिक फैसले को प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने की औपचारिक अधिसूचना भी जारी कर दी है. भारत ने कहा कि उसने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने के अपने फैसले के बारे में पाकिस्तान को सूचित कर दिया है और कहा है कि पाकिस्तान ने संधि की शर्तों का उल्लंघन किया है. 


भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष सैयद अली मुर्तजा को लिखे एक पत्र में कहा कि जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर पाकिस्तान द्वारा लगातार सीमा पार से आतंकवाद सिंधु जल संधि के तहत भारत के अधिकारों में बाधा डालता है. रिपोर्ट के अनुसार पत्र में लिखा गया है, "सद्भावनापूर्वक संधि का सम्मान करना संधि का मूलभूत तत्व है. हालांकि, इसके बजाय हमने देखा है कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को निशाना बनाकर सीमा पार से आतंकवाद जारी है." इसमें कहा गया है, "भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सिंधु जल संधि 1960 को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा." 


सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों में उपलब्ध पानी का उपयोग करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच जल-वितरण संधि की व्यवस्था और बातचीत 1960 में विश्व बैंक द्वारा की गई थी. इस संधि के तहत तीन नदियों- ब्यास, रावी और सतलुज- के पानी पर भारत का नियंत्रण है, जबकि सिंधु, चिनाब और झेलम- के पानी पर पाकिस्तान का नियंत्रण है. रिपोर्ट के मुताबिक इस संधि में सद्भावना और सहयोग की भावना से पानी के अधिकतम उपयोग के लिए प्रत्येक देश के अधिकारों और दायित्वों का उल्लेख किया गया है.


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