Updated on: 24 April, 2025 11:18 AM IST | Mumbai
Rajendra B Aklekar
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में सेंट्रल रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर अतुल मोने की मौत हो गई.
अतुल मोने के सहकर्मी सूर्यकांत पंचगम ने बुधवार को स्मारक सेवा के दौरान उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
रेलवे कर्मचारियों ने बुधवार को पहलगाम आतंकी हमले के शिकार अतुल मोने को याद किया और उनके निधन पर शोक जताया. डोंबिवली के निवासी और सेंट्रल रेलवे के परेल वर्कशॉप के व्हील शॉप में सीनियर सेक्शन इंजीनियर मोने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों में शामिल थे.
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मोने की याद में सुबह वर्कशॉप में कैंडललाइट प्रार्थना का आयोजन किया गया, जिसमें उनके सभी सहकर्मियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. परेल वर्कशॉप में उनके सहकर्मी सूर्यकांत पंचागम ने कहा, "वह हर सुबह मेरे केबिन से गुजरते थे और हाथ हिलाकर मेरा अभिवादन करते थे. वह हमेशा मुस्कुराते रहते थे, कभी किसी से बहस भी नहीं करते थे और काम के प्रति बहुत ईमानदार थे." "मैं अपनी ओर से तथा राष्ट्रीय रेलवे मजदूर संघ (मध्य रेलवे/कोंकण रेलवे) की ओर से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले पर गहरा सदमा तथा गहरा दुख व्यक्त करता हूं, जिसमें परेल वर्कशॉप के व्हील शॉप में वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर के पद पर कार्यरत श्री अतुल मोने की दुखद मृत्यु हो गई. एनआरएमयू के सक्रिय तथा समर्पित सदस्य मोने घटना के समय अपनी पत्नी, बच्चे तथा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कश्मीर में पिकनिक मनाने गए थे," राष्ट्रीय रेलवे मजदूर संघ के महासचिव वेणु नायर ने कहा.
एक अन्य सहयोगी एएल तमिलारासन ने कहा कि मोने की मृत्यु के समय उनकी आयु 44 वर्ष थी तथा वे 18 वर्ष की आयु में ही रेलवे में शामिल हो गए थे. उन्होंने कहा, "वे हमेशा अपने काम के प्रति समर्पित थे. हमें उनकी कमी खलेगी." "शनिवार को, वह बहुत खुश था और उसने हमें बताया कि वह कश्मीर की पारिवारिक यात्रा पर है और अपने परिवार के साथ यात्रा पर गया है, जिसमें उसके दो पुरुष चचेरे भाई भी शामिल हैं. हमें नहीं लगा कि वह कभी वापस नहीं आएगा. हम इस सदमे में हैं और कुछ भी नहीं कह सकते," एक अन्य सहकर्मी, उमेश कदम ने कहा.
उसके अन्य तीन सहकर्मी, पवन कुमार, अनिल भिसे और राजेश नादर अपने दुख को रोक नहीं पाए और कहा, "हमने आतंकवाद के कारण एक अच्छे इंसान को खो दिया. वह सभी का दोस्त था और उसकी बेटी ने हाल ही में अपनी बारहवीं कक्षा की परीक्षा पास की थी." उसके सभी सहकर्मी उसका शव लेने डोंबिवली पहुंचे, जो बुधवार दोपहर को पहुंचा. मोने ने भारतीय रेलवे में 24 साल की सेवा पूरी कर ली थी.
केंद्रीय रेलवे मजदूर संघ (सीआरएमएस) ने भी आतंकवादी हमले और मोने की मौत की कड़ी निंदा की. "वह एक ईमानदार कर्मचारी था और मैं उसे और इस हमले में शहीद हुए सभी पर्यटकों को अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. सरकार को आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए," सीआरएमएस के अध्यक्ष प्रवीण बाजपेयी ने कहा.
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