Updated on: 05 October, 2025 12:50 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि दोनों प्रधानमंत्री 9 अक्टूबर को मुंबई में `विज़न 2035` के तहत भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी में प्रगति का जायजा लेने के लिए आएंगे.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और प्रधानमंत्री मोदी. फ़ाइल चित्र
यूनाइटेड किंगडम (यूके) के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 8 अक्टूबर को भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आएंगे. पदभार ग्रहण करने के बाद स्टारमर की यह पहली आधिकारिक भारत यात्रा होगी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि दोनों प्रधानमंत्री 9 अक्टूबर को मुंबई में `विज़न 2035` के तहत भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी में प्रगति का जायजा लेने के लिए आएंगे. यह कार्यक्रमों और पहलों का एक केंद्रित 10-वर्षीय रोडमैप है.
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रिपोर्ट के मुताबिक इस रोडमैप में व्यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु और ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों जैसे प्रमुख स्तंभ शामिल हैं. एएनआई के अनुसार, दोनों प्रधानमंत्री भारत-यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) से उत्पन्न अवसरों पर व्यापारिक नेताओं और उद्योग विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेंगे, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी का एक केंद्रीय स्तंभ है. अधिकारियों ने बताया कि इस मुलाकात से निवेश और व्यापार सहयोग में वृद्धि होने की उम्मीद है, खासकर प्रौद्योगिकी, वित्तीय प्रौद्योगिकी, समुद्री उत्पाद, वस्त्र, चमड़ा और रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों में.
द्विपक्षीय चर्चाओं के अलावा, स्टार्मर और मोदी क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे, जो अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में भारत-ब्रिटेन संबंधों के रणनीतिक महत्व को दर्शाता है. रिपोर्ट के अनुसार मोदी और स्टार्मर मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट के छठे संस्करण में भी भाग लेंगे, जहाँ वे मुख्य भाषण देंगे और नीति निर्माताओं, नवप्रवर्तकों और उद्योग के हितधारकों के साथ बातचीत करेंगे. विदेश मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह यात्रा 23-24 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा से उत्पन्न गति को और आगे बढ़ाएगी, जिससे दोनों देशों की दूरदर्शी साझेदारी के प्रति साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि होगी.
दोनों नेताओं की उपस्थिति में हस्ताक्षरित भारत-ब्रिटेन व्यापार और व्यापार समझौता (CETA) को भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार एवं व्यापार राज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स द्वारा औपचारिक रूप से निष्पादित किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक इस समझौते के तहत, 99 प्रतिशत टैरिफ लाइनों को शून्य-शुल्क पहुँच प्राप्त है, जबकि प्रमुख सेवा क्षेत्रों को द्विपक्षीय व्यापार के लिए खोल दिया गया है.
समुद्री क्षेत्र, विशेष रूप से, वन्नामेई झींगा, फ्रोजन मछली, झींगा मछली, पॉम्फ्रेट और ब्लैक टाइगर झींगा सहित समुद्री खाद्य उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला पर आयात शुल्क हटाने से लाभान्वित होगा, जिससे यूके के बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी. कपड़ा, चमड़ा और रत्न एवं आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में भी सीईटीए के तहत निर्यात में वृद्धि होने की उम्मीद है. यूके टैरिफ अनुसूची श्रेणियों (`ए`) के अंतर्गत सूचीबद्ध सभी मछली और मत्स्य पालन वस्तुओं को अब समझौते के लागू होने की तिथि से 100 प्रतिशत शुल्क-मुक्त पहुँच प्राप्त है, जिससे इन उत्पादों में भारत के व्यापार को उल्लेखनीय बढ़ावा मिलेगा.
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