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CBSE News Exam Pattern: सीबीएससी बोर्ड लाया है नया एग्जाम पैटर्न, पहले की थी ओपन बुक एग्ज़ाम की बात

Updated on: 05 April, 2024 01:26 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

CBSE News Exam Pattern: सीबीएससी बोर्ड भी अपने अलग पैटर्न के लिए चर्चा में रहते हैं. इस साल स्कूल के छात्रों के लिए सीबीएससी ने एक बड़ा फैसला लिया है. इस साल 2024-25 के सेशन में नए तरह से पढ़ाई होगी.

एग्ज़ाम देते स्टूडेंट. तस्वीर/शादाब खान

एग्ज़ाम देते स्टूडेंट. तस्वीर/शादाब खान

स्टेट बोर्ड के अलावा सीबीएससी और आईसीएससी बोर्ड भी अपने अलग पैटर्न के लिए चर्चा में रहते हैं. इस साल स्कूल के छात्रों के लिए सीबीएससी ने एक बड़ा फैसला लिया है. इस साल 2024-25 के सेशन में नए तरह से पढ़ाई होगी. केंद्रिय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSC) ने छात्रों की रट्टामार की आदत को बदलने और कॉन्सेप्ट को समझने पर जोर देने के लिए पिछले एग्जाम पैटर्न में बदलाव किए हैं.

यहां समझें 11वीं 12वीं का नया एग्जाम पैटर्न


साल 2024-25 एकेडमिक सेशन में 11वीं या 12वीं की परीक्षा में आने वाले लॉन्ग आंसर और शॉर्ट आंसर प्रश्नों को कम किया जाएगा. छात्रों से वेटेज को कम किया जा सके. इसकी जगह पेपर में कॉम्पिटेंसी बेस्ड प्रश्न ज्यादा जाएंगे यानि पेपर में MCQs प्रश्नों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा. कॉन्सेप्ट बेस्ड प्रश्नों में मल्टिपल च्वॉइस क्वेश्चन, केस-बेस्ड और सोर्स बेस्ड इंटिग्रेटिड प्रश्न शामिल हैं.


कांसेप्ट में किया है ये बदलाव

अभी तक 11वीं और 12वीं की परीक्षाओं में 40 प्रतिशत प्रश्न कॉन्सेप्ट बेस्ड होते हैं. 2024-25 की परीक्षाओं में इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है और 40 प्रतिशत लॉग आंसर और शॉर्ट आंसर वाले प्रश्न 30 प्रतिशत कर दिए हैं.


इसके अलावा सीबीएसई ने ओपन बुक एग्ज़ाम पैटर्न करने की भी बात कही थी. सीबीएसई ने कक्षा 9 से 12वीं तक में ओपन बुक एग्जाम का पैटर्न तैयार किया है. इस व्यवस्था में छात्र-छात्राओं को किसी विषय को रटने की जरूरत नहीं रह जाती है. इसके लिए पढ़ाई के दौरान उन्हें विषय और उसके अलग-अलग टॉपिक को समझाने पर जोर दिया जाता है और अभ्यास कराया जाता है, क्योंकि एग्जाम में पूछे गए सवाल का जवाब किताब से देखकर ज्यों का त्यों नहीं उतारना होता है.

इसके लिए हाल ही में एक नया पायलेट प्रोग्राम शुरू किया गया है. इसके लिए सीबीएससी पहले कुछ बच्चों के बीच इस व्यवस्था को लागू करेगा और देखेगा कि यह पैटर्न पूरे देश में लागू किया जा सकता है या नहीं.

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