Updated on: 18 August, 2025 09:32 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया.
X/Pics, Devendra Fadnavis
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित कर राजनीतिक हलकों में नई हलचल पैदा कर दी. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा द्वारा जैसे ही इस फैसले की घोषणा की गई, वैसे ही देशभर से बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया.
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इसी क्रम में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी रविवार को कोल्हापुर दौरे से लौटते ही सीधे मुंबई स्थित राजभवन पहुँचे. उन्होंने राज्यपाल राधाकृष्णन से मुलाकात कर उन्हें एनडीए का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर हार्दिक शुभकामनाएँ दीं. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी भरा संवाद हुआ और फडणवीस ने उनके अनुभव, कार्यशैली और सेवाभाव की सराहना की.
देवेंद्र फडणवीस ने इस मुलाकात से जुड़ी तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा – “कोल्हापुर से वापस लौटने पर, मैंने मुंबई स्थित राजभवन में राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन जी को भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर बधाई दी.” उनकी इस पोस्ट पर पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने भी राधाकृष्णन को शुभकामनाएँ दीं.
On returning back from Kolhapur, CM Devendra Fadnavis greeted and congratulated Governor CP Radhakrishnan at Raj Bhavan, Mumbai, for being announced as the National Democratic Alliance (NDA) candidate for the Vice President of India.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) August 17, 2025
मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस यांनी… pic.twitter.com/7fSNCJFuK3
ज्ञात हो कि राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर लंबा और प्रभावशाली रहा है. वे कई बार सांसद रह चुके हैं और संसदीय समितियों में भी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं. उनका सामाजिक और जनसेवा का अनुभव उन्हें इस पद के लिए और भी उपयुक्त बनाता है. एनडीए का मानना है कि उनके नेतृत्व में राज्यसभा की कार्यवाही और अधिक प्रभावी और गरिमामयी होगी.
फडणवीस की यह शिष्टाचार भेंट भले ही औपचारिक रही हो, लेकिन राजनीतिक दृष्टि से इसे अहम माना जा रहा है. महाराष्ट्र की राजनीति इस समय कई उतार-चढ़ाव से गुजर रही है, ऐसे में यह मुलाकात एनडीए की एकजुटता और नेतृत्व पर भरोसे का प्रतीक कही जा रही है.
देशभर में भाजपा और एनडीए समर्थक इस घोषणा का स्वागत कर रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति पद पर निर्वाचित होते हैं तो यह दक्षिण भारत से आने वाले नेताओं की भूमिका को और अधिक मज़बूत करेगा.
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