Updated on: 11 July, 2025 03:53 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. अतिरिक्त महानिदेशक अमिताभ यश ने बताया कि गिरोह की जाँच की जाएगी.
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उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने जलालुद्दीन और उसकी सहयोगी नसरीन को उनके कथित धर्मांतरण रैकेट की पूरी तह तक पहुँचने, अवैध धन स्रोतों का पता लगाने और बेनामी संपत्तियों की पहचान करने के लिए हिरासत में लिया है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अतिरिक्त महानिदेशक अमिताभ यश ने संवाददाताओं को बताया कि गिरोह के धन के स्रोत, विभिन्न क्षेत्रों में इसके प्रसार और अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों के उपयोग या वैधीकरण की जाँच की जाएगी.
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रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि गैंगस्टर अधिनियम के तहत कार्रवाई और ऐसी संपत्तियों को ध्वस्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी. उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते ने बुधवार को जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को एक सप्ताह की हिरासत में ले लिया. इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. छांगुर बाबा और नसरीन को पिछले शनिवार को गिरफ्तार किया गया था, जबकि दो अन्य सह-आरोपियों, नवीन उर्फ जमालुद्दीन और जलालुद्दीन के बेटे महबूब को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर कई समुदायों की लड़कियों को निशाना बनाने और धर्मांतरण के लिए `रेट लिस्ट` बनाने का आरोप है.
जब यश से पूछा गया कि इस रैकेट के ज़रिए कितने धर्मांतरण हुए हैं, तो उन्होंने कहा कि चूँकि यह गिरोह कथित तौर पर 15 साल से ज़्यादा समय से सक्रिय है, इसलिए इसका दायरा काफ़ी बड़ा हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार छांगुर बाबा के पास 40 बैंक खाते हैं और उनके पास 106 करोड़ रुपये की धनराशि है. उन्हें यह धनराशि मुख्यतः मिडिल ईस्ट से मिली है. इसके अलावा, छांगुर बाबा के पास दो संपत्तियाँ भी हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में बताई जाती है. ...
जाँचकर्ताओं का आरोप है कि इस रैकेट ने गरीब मज़दूरों, विधवाओं और कमज़ोर तबके के लोगों को निशाना बनाया, जिन्हें कथित तौर पर मजबूर किया गया, आर्थिक प्रलोभन देकर गुमराह किया गया, या शादी के प्रस्तावों के ज़रिए बरगलाया गया. रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ के गोमतीनगर स्थित एटीएस पुलिस स्टेशन में दर्ज इस मामले में बीएनएस की धारा 121ए, 153ए, 417, 420 और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के तहत आरोप दर्ज किए हैं.
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