Updated on: 11 October, 2025 01:01 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
ईडी अधिकारियों द्वारा पूछताछ के बाद पाल को शुक्रवार रात धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत हिरासत में लिया. उन्हें एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा, जहाँ एजेंसी उनकी हिरासत की मांग कर सकती है.
अनिल अंबानी. फ़ाइल चित्र
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 68.2 करोड़ रुपये की कथित फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े धन शोधन के एक मामले में रिलायंस पावर के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अशोक पाल को गिरफ्तार किया है. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को गिरफ्तारी की पुष्टि की. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार ईडी अधिकारियों द्वारा पूछताछ के बाद पाल को शुक्रवार रात धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया. उन्हें एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा, जहाँ एजेंसी उनकी हिरासत की मांग कर सकती है.
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रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बेस लिमिटेड द्वारा सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को सौंपी गई एक फर्जी बैंक गारंटी से जुड़ा है. ईडी के अनुसार, कंपनी ने मनीला, फिलीपींस स्थित फर्स्टरैंड बैंक से कथित तौर पर गारंटी प्रदान की थी, जबकि उस देश में इसकी कोई शाखा नहीं है.
ईडी का आरोप है कि पाल ने धन के दुरुपयोग में "महत्वपूर्ण" भूमिका निभाई और कंपनी के बोर्ड ने उन्हें एसईसीआई की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) निविदा के लिए दस्तावेजों को अंतिम रूप देने और हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत किया था. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कथित तौर पर मानक अनुमोदन प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से धन जारी करने और कागजी कार्रवाई को मंजूरी दी.
धन शोधन का यह मामला नवंबर 2024 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी से उपजा है, जिसमें ओडिशा स्थित बिस्वाल ट्रेडलिंक पर 8 प्रतिशत कमीशन पर फर्जी बैंक गारंटी जारी करने वाला एक रैकेट चलाने का आरोप लगाया गया था. कंपनी ने कथित तौर पर एसईसीआई के साथ संचार में भारतीय स्टेट बैंक का रूप धारण करने के लिए एक भ्रामक ईमेल डोमेन - s-bi.co.in, जो sbi.co.in से काफी मिलता-जुलता है - का भी इस्तेमाल किया. रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त में, ईडी ने बिस्वाल ट्रेडलिंक के परिसरों पर छापा मारा था और इसके प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया था. फर्म का पंजीकृत कार्यालय बिस्वाल के एक रिश्तेदार की आवासीय संपत्ति पाया गया, जिससे इसके एक मुखौटा इकाई होने का संदेह पैदा हुआ.
रिलायंस समूह ने पिछले नवंबर में जारी एक बयान में कहा था कि वह "धोखाधड़ी, जालसाजी और साजिश का शिकार" है और उसने अक्टूबर 2024 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में तीसरे पक्ष के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी. समूह ने यह भी कहा कि उसने 7 नवंबर, 2024 को स्टॉक एक्सचेंजों को आवश्यक जानकारी दे दी थी.
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