Updated on: 26 June, 2025 04:50 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
जेपीसी अस्पताल में महिला मरीज के साथ यौन उत्पीड़न की सूचना सोमवार को न्यू उस्मानपुर थाने में मिली.
प्रतीकात्मक तस्वीर
दिल्ली के जग प्रवेश चंद्र (जेपीसी) अस्पताल में सह-रोगी द्वारा कथित रूप से यौन उत्पीड़न की शिकार हुई महिला मरीज की बुधवार को गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार जेपीसी अस्पताल में महिला मरीज के साथ यौन उत्पीड़न की सूचना सोमवार को न्यू उस्मानपुर थाने में मिली.
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रिपोर्ट के मुताबिक पूछताछ में पता चला कि उसे 21 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान जब वह वार्ड से बाहर गई तो उसके साथ छेड़छाड़ की कथित घटना की सूचना मिली, जिसके बाद न्यू उस्मानपुर थाने में कानून की उचित धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की गई. बाद में उसे विशेष इलाज के लिए जीटीबी अस्पताल रेफर कर दिया गया. उसके मेडिको-लीगल केस (एमएलसी) के अनुसार जांच के समय कोई बाहरी चोट नहीं दिखी. बुधवार को जीटीबी अस्पताल ने बताया कि इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई. इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और पीएमई रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले सोमवार को, जब पुलिस को कथित यौन उत्पीड़न के बारे में सूचना मिली, तो उन्होंने कहा, "मौके पर पहुंचने पर, पुलिस टीम ने पाया कि अस्पताल में भर्ती एक महिला मरीज के साथ एक अन्य मरीज ने यौन उत्पीड़न किया था, जिसकी पहचान कच्ची खजूरी निवासी 23 वर्षीय मोहम्मद फैज के रूप में हुई है."
उन्होंने कहा कि संबंधित धाराओं के तहत पीएस न्यू उस्मानपुर में मामला दर्ज किया गया है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार आगे की जांच जारी है. दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि इस महीने की शुरुआत में एक अलग मामले में, राष्ट्रीय राजधानी में कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के बाद एक नाबालिग लड़की की अस्पताल में चेहरे पर चोटों के कारण मौत हो गई थी.
पुलिस ने कहा कि उन्हें 7 जून को रात 8:41 बजे दयालपुर पुलिस स्टेशन में नाबालिग के यौन उत्पीड़न के बारे में एक कॉल मिली. लड़की को उसके पिता बेहोशी की हालत में जेपीसी अस्पताल लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. रिपोर्ट के मुतैक पुलिस ने कहा कि मेडिकल स्टाफ ने उसके चेहरे पर स्पष्ट चोटें देखीं और यौन उत्पीड़न का संदेह जताया. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103(1), 66 और 13(2) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.
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