Updated on: 03 August, 2025 10:01 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
शेतकरी कामगार पार्टी की 78वीं वर्षगांठ के अवसर पर पनवेल में राज ठाकरे ने रायगढ़ ज़िले में ज़मीन की लूट, मराठी युवाओं की अनदेखी और भाषा-संस्कृति के अपमान पर तीखा प्रहार किया.
X/Pics, MNS Social, मनसे सोशल
शेतकरी कामगार पार्टी की 78वीं वर्षगांठ के मौके पर पनवेल में आयोजित भव्य कार्यक्रम में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने ज़मीन, रोज़गार और मराठी अस्मिता जैसे ज्वलंत मुद्दों पर तीखा और स्पष्ट रुख अपनाया. राज ठाकरे की उपस्थिति ने इस वर्षगांठ को एक सशक्त राजनीतिक मंच में बदल दिया, जहाँ उन्होंने रायगढ़ में बाहरी लोगों द्वारा ज़मीन खरीदे जाने, मराठी युवाओं को नज़रअंदाज़ करने और सरकार की उदासीन नीतियों पर खुलकर हमला बोला.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
राज ठाकरे ने भाषण की शुरुआत में कहा, "रायगढ़ ज़िले की ज़मीनें लगातार बिक रही हैं, लेकिन ये ज़मीनें मराठी किसानों की हैं, जिन्हें दरकिनार कर बाहरी लोग कब्ज़ा कर रहे हैं." उन्होंने मराठी युवाओं से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर अपनी ज़मीन और अधिकार की रक्षा करें.
आज २ ऑगस्ट २०२५ रोजी शेतकरी कामगार पक्षाच्या वर्धापनदिनाच्या मेळाव्यात संवाद साधला. त्यातील महत्वाचे मुद्दे
— Raj Thackeray (@RajThackeray) August 2, 2025
१) गेले २ दिवस तब्येत थोडीशी बरी नव्हती. हल्लीच्या आजारांचं काही कळत नाही, हल्लीचे आजार आणि महाराष्ट्राचं राजकारण यांत खूप साम्य आहे. पूर्वीचे आजार नाव घेऊन ताठ मानेने… pic.twitter.com/y8QpMZHyM2
मराठी युवाओं को मिलना चाहिए उद्योगों में हिस्सा
राज ठाकरे ने ज़ोर देकर कहा कि नवी मुंबई हवाई अड्डा हो या रायगढ़ में उभरते उद्योग, वहाँ 100 प्रतिशत मराठी भूमिपुत्रों को रोज़गार मिलना चाहिए. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अगर कोई बाहरी व्यक्ति ज़मीन खरीदने आता है, तो मराठी लोगों को केवल ज़मीन बेचनी नहीं चाहिए, बल्कि उद्योगों में भागीदार बनने की शर्त रखनी चाहिए.
राजनीतिक दल नहीं, महाराष्ट्र की बात करें
ठाकरे ने राजनीतिक दलों से ऊपर उठकर महाराष्ट्र की समस्याओं पर एकजुट होने की अपील की. उन्होंने कहा, "यह नहीं देखा जाना चाहिए कि सवाल किस पार्टी से जुड़ा है, बल्कि यह देखा जाए कि महाराष्ट्र का हित किसमें है." उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वे छोटे बच्चों को हिंदी सिखाने की बात करते हैं, लेकिन महाराष्ट्र में काम करने आने वालों को मराठी सिखाने की कोई योजना नहीं है.
भाषा और सांस्कृतिक अस्मिता पर प्रहार
राज ठाकरे ने हिंदी भाषा के फैलाव पर भी तीखा हमला किया. उन्होंने सवाल उठाया कि जब गुजरात में गैर-गुजरातियों को कृषि भूमि नहीं दी जाती, तो महाराष्ट्र में उत्तर भारतीय अमीरों को क्यों ज़मीनें दी जा रही हैं? उन्होंने कहा, "गुजरात में तो ज़मीन खरीदने के लिए रिज़र्व बैंक से इजाज़त लेनी होती है, लेकिन महाराष्ट्र में सब कुछ खुलेआम हो रहा है."
डांस बार और संस्कृति का पतन
राज ठाकरे ने रायगढ़ में डांस बार खुलने पर भी नाराज़गी जताई और कहा कि यह वही रायगढ़ है जहाँ से शिवाजी महाराज ने शासन किया. उन्होंने कहा, "मराठी लोगों को उनके ही राज्य में निचोड़ा जा रहा है, जबकि बाहर से आए लोग यहां अपना धंधा चला रहे हैं."
अंत में चेतावनी और अपील दोनों
राज ठाकरे ने कहा कि अगर मराठी लोगों ने अब भी आँखें और कान बंद रखे तो आने वाला समय पछतावे से भरा होगा. उन्होंने याद दिलाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने फ़ारसी शब्दों के स्थान पर मराठी शब्दों को प्राथमिकता देने के लिए राज्य भाषा का शब्दकोश तैयार किया था. ऐसे में मराठी भाषा, संस्कृति और ज़मीन की रक्षा हर मराठी व्यक्ति की जिम्मेदारी है.
कार्यक्रम का समापन जयंत पाटिल और शेतकरी कामगार पार्टी के नेताओं की उपस्थिति में हुआ, जिसमें यह संदेश स्पष्ट रहा — "महाराष्ट्र के बेटों को उनके हक का रोजगार और सम्मान दिलाने के लिए अब निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी."
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT