परेल से कालाचौकी की ओर बढ़ती बप्पा की झांकी ने मानो पूरे इलाके को भक्तिमय कर दिया. (Pics: Shadab Khan)
इस दौरान महिलाएं, पुरुष और बच्चे पारंपरिक परिधानों में शामिल हुए और बप्पा के स्वागत में नाचते-गाते चल पड़े.
कालाचौकी-चा-महागणपति की मूर्ति की विशेष बात यह रही कि यह पूरी तरह से पारंपरिक रूप में बनाई गई है, जिसमें भगवान गणेश को गजमुख रूप में दर्शाया गया है.
मूर्ति की ऊंचाई और शिल्पकारी ने वहां मौजूद हर श्रद्धालु को मंत्रमुग्ध कर दिया. मूर्ति को एक विशेष सजे हुए वाहन में रखा गया था, जिसे फूलों और रोशनी से सजाया गया था.
रास्ते में जगह-जगह स्थानीय नागरिकों ने आरती की, फूल बरसाए और गणपति बप्पा का स्वागत किया.
कई लोगों ने इस अवसर को यादगार बनाने के लिए तस्वीरें और वीडियो भी बनाए.
मुंबई में गणेश चतुर्थी केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक एकजुटता का प्रतीक बन चुका है.
जैसे-जैसे उत्सव नज़दीक आ रहा है, शहर में बप्पा के स्वागत की तैयारियां पूरे उत्साह और उमंग के साथ जारी हैं.
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